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अदालत ने बाजवा डेवलपर्स के निदेशक की जमानत याचिका की खारिज

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2 की अदालत ने एक महत्वपूर्ण मामले में बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड (बीडीएल) के निदेशक आरोपी बलदेव सिंह (38) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह विवाद कुलदीप मित्तल द्वारा दायर एक दीवानी शिकायत से शुरू...
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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2 की अदालत ने एक महत्वपूर्ण मामले में बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड (बीडीएल) के निदेशक आरोपी बलदेव सिंह (38) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह विवाद कुलदीप मित्तल द्वारा दायर एक दीवानी शिकायत से शुरू हुआ था, जिन्होंने खुद को सरकारी अधिकारी कल्याण संगठन का अध्यक्ष बताया है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ग्रेटर मोहाली में 25 एकड़ ज़मीन पर एक किफायती आवास परियोजना के लिए बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड और आई.ए. हाउसिंग सोसाइटी प्राइवेट लिमिटेड (आईएएचएसपीएल) के साथ समझौता किया गया था, लेकिन बीडीएल ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया। बीडीएल के निदेशक बलदेव सिंह को इस मामले में 14 नवंबर, 2018 को तलब किया गया था, लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए। इसके बाद, 4 जुलाई, 2022 को उन्हें भगौड़ा घोषित कर दिया गया। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत का कड़ा विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि बलदेव लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया से बच रहे हैं और जमानत मिलने पर वह फरार हो सकते हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि चूंकि आरोपी को पहले ही पीओ घोषित किया जा चुका है, इसलिए उस पर अग्रिम जमानत लागू नहीं होती।

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