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पार्षदों ने सॉलिड वेस्ट प्लांट का किया औचक निरीक्षण

नगर निगम पहले से दयनीय वित्तीय स्थिति से गुजर रहा है, उसके बावजूद बहुत से प्लांट-प्रोजेक्टों में कंपनियां कथित रूप से अपना फायदा उठाकर नगर निगम को चूना लगा रही हैं। यह आरोप शुक्रवार को पार्षद तरुणा मेहता, प्रेमलता और...
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नगर निगम पहले से दयनीय वित्तीय स्थिति से गुजर रहा है, उसके बावजूद बहुत से प्लांट-प्रोजेक्टों में कंपनियां कथित रूप से अपना फायदा उठाकर नगर निगम को चूना लगा रही हैं। यह आरोप शुक्रवार को पार्षद तरुणा मेहता, प्रेमलता और जसबीर बंटी ने सेक्टर 25 के सॉलिड वेस्ट प्लांट का औचक निरीक्षण करने के बाद लगाया। उन्होंने कहा कि यहां उन्हें बहुत बड़ी खामियां मिलीं। जिसे नगर निगम की बैठक में उठाया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्लांट लगभग बंद की स्थिति में था। पार्षदों ने वहां देखा कि पिछले कई महीनों से कपड़ों के बड़े बड़े ढ़ेर बिना प्रोसेस के पड़े थे। उन्होंने कहा कि जो क्लॉथ शरेडर भी एमसी के खर्चे से लगाया गया था वो नहीं चल रहा था । उसके अलावा एक साल से कपड़ों को छोटे - छोटे पीस में काटने वाली प्राइमरी शरेडर मशीन खराब थी। उसके साथ ड्रायर भी खराब था ।उसका आईडी फेन और उसके साथ लगी पाइप लाइन काम नहीं कर रही थी। कंप्रेशर कई महीनों से चल नहीं रहा था। ब्लेंडर रिमूव करके रखा हुआ था। लिफ्टर को बदले कई महीने हो चुके थे।

बाल्स्टिक स्प्रेटर की चार में से दो शाफ़्ट हटा कर रखी हुई थीं। उसके कारण रिसाइकल मैटीरियल भी मिक्स होकर लैंडफिल साइट पर जा रहा था जोकि कूड़े के पहाड़ बनने का कारण बन रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी को महीने के 33 लाख रुपए के करीब नगर नगर पेमेंट करता है जिसमें सैलरी, डीजल, प्लांट एंड मशीनरी मेंटेनेंस के देने होते हैं और जो फाइनल प्रोडेक्ट निकलता है यानी आरडीएफ वो भी कंपनी खुद बेचती है। सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और पार्षद प्रेमलता ने कहा कि इसकी जानकारी हमने कमिश्नर को दे दी है।

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