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बाल चिकित्सा में कॉर्बियल प्रत्यारोपण एक जीवन परिवर्तक: डॉ. अशोक शर्मा

5वीं विश्व कांग्रेस में डॉ.शर्मा की प्रस्तुति से ग्रीस व यूएसए के डॉक्टर हुए प्रभावित

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चंडीगढ़,14 जुलाई (ट्रिन्यू)

ट्राइसिटी के प्रसिद्ध डॉ.अशोक शर्मा के कॉर्निया सेंटर के निदेशक डॉ. अशोक शर्मा ने 11 से 13 जुलाई को मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित 5वें वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी एंड स्ट्रैबिस्मस सम्मेलन में शिशुओं और बच्चों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी पर प्रस्तुति देकर न केवल चंडीगढ़ का बल्कि देश का नाम रोशन किया। डा. अशोक शर्मा की प्रस्तुत शोध से विदेशी चिकित्सक प्रभावित हुए। डॉ. शर्मा एक अग्रणी कॉर्नियल सर्जन हैं जिन्होंने वयस्कों और बच्चों में अधिकतम संख्या में कॉर्नियल ग्राफ्ट किए हैं। डॉ. शर्मा के अनुसार कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक जटिल सर्जरी है और बच्चों में नेत्र छोटे आकार के होने पर इसे करना और भी चुनौतिपूर्ण होता है। संबंधित जन्मजात असामान्यताओं की उपस्थिति के कारण यह अधिक चुनौतीपूर्ण है। डॉ. शर्मा ने बताया कि कई बार आंखें पूरी तरह विकसित नहीं होती, कॉर्नियल छोटा होता है और स्क्लेरोकॉर्निया मौजूद होता है। एेसी स्थिति में डा. शर्मा अब तक बच्चों में 232 कॉर्निया प्रत्यारोपण किए हैं। डॉ. शर्मा का कहना है कि इन बहुत छोटे बच्चों को न केवल सावधानीपूर्वक सर्जरी की जरूरत है बल्कि बारीकी से निगरानी की भी जरूरत है। इन बच्चों में वयस्कों की तुलना में कॉर्नियल ग्राफ्ट रिजेक्शन का खतरा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से कुछ बच्चों की उक्त सर्जरी के बाद स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

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बच्चों में कॉर्निया प्रत्यारोपण पर उनके काम को मलेशिया के कुआलालंपुर में 11 से 13 जुलाई को आयोजित 5वें वल्र्ड कांग्रेस ऑफ पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी एंड स्ट्रैबिस्मस सम्मेलन में भाग लेने वाले वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय सदस्यों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई। उन्होंने ग्रीस के प्रोफेसर निकोस जियाकास के साथ कॉर्निया ग्राफ्ट के विषय पर बेहद उपयोगी चर्चा की। यूएसए के प्रोफेसर गेराल्ड ज़ैडमैन ने डॉ. शर्मा को शिकागो यूएसए में एएओ के दौरान अक्टूबर 2024 में पीडियाट्रिक केराटोप्लास्टी एसोसिएशन की बैठक में बच्चों में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया है।

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डॉ. अशोक शर्मा ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में कॉर्निया के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 1994 में प्रोफेसर जीएन राव के तहत एलवीपीईआई हैदराबाद में और 1996 में प्रोफेसर वेरिंदर एस निरंकारी के तहत मैरीलैंड, यूएसए के आई कंसल्टेंट्स में कॉर्निया फैलोशिप प्राप्त की है। उन्होंने सहकर्मी की समीक्षा की गई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 124 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी से कई पुरस्कार मिले हैं।

इनमें 2009 में एएओ अचीवमेंट अवार्ड, एएओ इंटरनेशनल ऑप्थेलमिक एजुकेशन अवार्ड 2013 और एएओ इंटरनेशनल स्कॉलर अवार्ड 2014 शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें फाइब्रिन ग्लू 1998 के लिए बेस्ट पेपर अवार्ड एसएसआई कॉन्फ्रेंस, ड्राई आई इन जेआरए के लिए बेस्ट पेपर से सम्मानित किया गया है। नेशनल कांफेंस 2000, डब्ल्यूएचओ सार्क कॉन्फ़ेंस नेपाल 1998 द्वारा रासायनिक नेत्र चोट पर सर्वश्रेष्ठ पेपर से सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ. शर्मा पिछले तीन दशकों से अधिक समय से इस क्षेत्र में कॉर्निया प्रत्यारोपण कार्य और नेत्रदान को बढ़ावा देने में सहायक रहे हैं। कॉर्निया प्रत्यारोपण पर उनके काम के लिए उन्हें 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फिर से कॉर्निया प्रत्यारोपण कार्य के लिए उन्हें 2020 में कॉर्निया हीरो अवार्ड चंडीगढ़ से सम्मानित किया गया। बच्चों में कॉर्निया प्रत्यारोपण पर उनके काम को दुनिया भर में मान्यता मिली है। उन्हें बहरीन सरकार द्वारा नेत्र रोग विशेषज्ञों के लिए अतिथि व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्हें 2015 में पीडियाट्रिक कॉर्नियल ट्रांसप्लांट नामक उनके पोस्टर के लिए अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी द्वारा सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया जा चुका है।

डॉ. शर्मा इस प्रोत्साहन के लिए अपने गुरु डॉ. वेरिंदर एस निरंकारी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं। डॉ. शर्मा अपने बेटे डॉ. राजन शर्मा की उनके अमूल्य योगदान के लिए बहुत सराहना करते हैं।

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