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निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को हटाया

भाजपा पार्षदों की नाराजगी पड़ी मंहगी

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दिवाली के चार दिन बाद चंडीगढ़ नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को हटा दिया गया है। उनको हटाने के आदेश शुक्रवार को जारी हुए। अरोड़ा ने चंडीगढ़ निगम में बतौर चीफ इंजीनियर 23 अक्तूबर 2024 को ज्वॉइन किया था। यूटी प्रशासक गुलाबचंद कटारिया और प्रशासन के सीनियर अफसर को संजय अरोड़ा की कार्यप्रणाली को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें विभिन्न टेंडर में पक्षपात तथा गड़बड़ियां शामिल थीं। अरोड़ा को हटाने की कार्यवाही को इन्हीं शिकायतों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके बीच निगम के सीनियर मोस्ट अधिकारी को यह एडिशनल चार्ज देने के आदेश किए गए हैं। उनकी जगह केपी सिंह को नया चीफ इंजीनियर नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि संजय अरोड़ा की एक्सटेंशन की फाइल प्रशासन को भेजी गई थी, जिसे मंजूरी के बाद प्रशासक के पास भेजा गया था। प्रशासक ने उनकी एक्सटेंशन को रोक दिया है। अभी आधिकारिक आदेश आने बाकी हैं। जानकारी के अनुसार, यह फैसला सीधे गवर्नर द्वारा मंजूर किया गया है, जबकि आमतौर पर ऐसे तबादलों की मंजूरी होम सेक्रेटरी (लोकल गवर्नमेंट) की ओर से दी जाती है। बताया जा रहा है कि यह फैसला कुछ पार्षदों द्वारा की जा रही शिकायत और किसी प्रोजेक्ट के सिरे न चढ़ने के चलते हुआ है। मामले के अनुसार मेयर के करीबी कुछ भाजपा पार्षद संजय अरोड़ा के कार्यों से नाराज थे। उनके खिलाफ लगातार शिकायतें गवर्नर हाउस तक पहुंच रही थीं। मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां विरोधी पक्ष तक पहुंचने को लेकर भी नगर निगम के भीतर असंतोष की स्थिति बनी हुई थी। आर्किटेक्ट विभाग भी इसकी शिकायत कर रहा था।अरोड़ा से कामों को लेकर मेयर हरप्रीत कौर बबला से भी टकराव की स्थिति थी। कई प्रोजेक्ट को लेकर उनका विरोध था। मेयर का कार्यकाल भले ही डेढ़ माह का ही रह गया हो, मगर भाजपा के पार्षदों की वजह से यह कार्रवाई हो पाई है। संजय अरोड़ा पहले चीफ इंजीनियर थे, जो यूटी प्रशासन से निगम में लगाए गए थे। इससे पहले पंजाब या हरियाणा के अधिकारियों की पोस्टिंग यहां होती थी।

यह भी चर्चा है कि निगम अफसरों ने डंपिंग ग्राउंड में करोड़ों की लागत का यह टेंडर पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को अलॉट किया। इससे निगम को करोड़ों की चपत लगी। नियमों के अनुसार कोई भी काम सिंगल टेंडर पर अलॉट नहीं किया जा सकता। डंपिंग ग्राउंड में कचरा उठाने का टेंडर निगम अफसरों ने बिना किसी ओपन प्रक्रिया के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को अलॉट कर दिया।

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