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मोहाली में आप के नशा विरोधी संयोजक की नियुक्ति पर विवाद

गुरप्रीत सिंह को एनडीपीएस के तहत हो चुकी है सजा
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मोहाली, 2 मई (निस)

आम आदमी पार्टी (आप) की हाल ही में घोषित विधानसभा स्तरीय नशा विरोधी मुहिम के तहत नियुक्तियों को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। मोहाली विधानसभा क्षेत्र में नियुक्त किए गए गुरप्रीत सिंह पर एक एनडीपीएस मामले को लेकर आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। गुरप्रीत सिंह, जो मोहाली के बरियाली गांव के निवासी हैं, को आप ने ‘ड्रग्स के खिलाफ जंग’ अभियान के तहत मोहाली विधानसभा संयोजक नियुक्त किया है। लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि उनके खिलाफ 4 नवंबर 2006 को कुराली थाना में एनडीपीएस एक्ट की धारा 15 के तहत एफआईआर संख्या 230 दर्ज हुई थी। विशेष न्यायाधीश, रूपनगर द्वारा 19 अक्तूबर 2009 को उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और 5,000 जुर्माने की लगाया गया था।

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इस खुलासे ने पार्टी की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या संयोजकों के चयन से पहले कोई पृष्ठभूमि जांच की गई थी। इस तरह की चूक उस अभियान की विश्वसनीयता को कमजोर कर सकती है, जो नैतिक अधिकार और स्वच्छ नेतृत्व पर आधारित है। जब इस मामले पर मोहाली की आप प्रभारी प्रभजोत कौर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि ‘मैंने ऐसा कुछ सुना था और खुद से इसकी पुष्टि करने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। गुरप्रीत सिंह पार्टी में पहले किसी पद पर नहीं थे और मुझे नहीं पता कि उनका नाम किसने सुझाया। इस मुद्दे पर मेरे पास कहने को और कुछ नहीं है।’ मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह से जब इस विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘हां, पार्टी ने संयोजक नियुक्तियां की हैं। मुझे हाल ही में गुरप्रीत सिंह के खिलाफ नशे से संबंधित मामले की जानकारी मिली है। मैंने तुरंत पार्टी से अनुरोध किया है कि उनकी जगह किसी उपयुक्त कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाए।

सफाई में यह बोले गुरप्रीत सिंह

विवाद पर अपनी सफाई में गुरप्रीत सिंह ने कहा कि ‘मैं निर्दोष हूं। मैंने इस सजा के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपील दाखिल की हुई है, जहां मामला विचाराधीन है।’ गुरप्रीत ने यह भी कहा कि उन्होंने इस एफ आई आर को रद्द करने के लिए एक अलग अपील भी हाई कोर्ट में की हुई है जो पेंडिंग है।

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