मनीमाजरा (चंडीगढ़), 26 अप्रैल (हप्र)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ संसदीय सीट से इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार मनीष तिवारी ने कहा कि संविधान और सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का अस्तित्व खतरे में है। यहां कई वरिष्ठ वकीलों और सेवानिवृत्त जजों की उपस्थिति में कानूनी समाज के सदस्यों के साथ बातचीत में तिवारी ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है और उनसे बेहतर इसे कोई नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा कि भारत अपने संविधान और लोकतंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका, स्वतंत्र मीडिया और निष्पक्ष चुनावों की परंपरा के कारण भारत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पिछले एक दशक के दौरान इन सभी संस्थाओं को कमजोर करने का लगातार प्रयास किया गया है। इन हालातों में शायद संविधान को कमजोर करने पर तुले लोगों को यह अहसास नहीं है कि यह वही संविधान है, जिसकी बदौलत वे आज इस पद पर हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता तिवारी, जो खुद एक सीनियर वकील भी हैं, ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, क्योंकि यह दुनिया भर में लोकतांत्रिक परंपरा का हिस्सा है। लेकिन जिस तरह से सत्ताधारी दल के कई लोग संविधान को बदलने का सुझाव दे रहे हैं, वह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति पर यहीं अंकुश लगाने की जरूरत है। इस क्रम में, यह केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए उन सभी लोगों को हराकर ही किया जा सकता है, जिनकी मंशा संविधान को बदलने की है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ सिर्फ अपने लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि बाहर से आने वालों के लिए भी सपनों का शहर है। उन्होंने अफसोस जताया कि
यह अब वैसा ‘सिटी ब्यूटीफुल’ नहीं रहा, जैसा पहले हुआ करता था, जिसके लिए इसे जाना जाता था। इसकी सुंदरता को बहाल करना होगा और शहर को फिर से संवारना होगा।
तिवारी ने सीनियर वकील संदीप विरमानी के निवास पर सेक्टर-10 के निवासियों के साथ विचार चर्चा की, जहां लोगों ने कुछ मांगें रखीं और शहर की सुंदरता को बहाल करने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए। इस मौके पर चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की, डा. एसएस आहलूवालिया को-कन्वीनर आम आदमी पार्टी, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज अजय तिवारी, पंजाब के पूर्व एजी और सीनियर एडवोकेट एपीएस देओल, पंजाब के पूर्व एजी और सीनियर एडवोकेट डा. अनमोल रतन सिद्धू, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुवीर सिद्धू, सीनियर एडवोकेट अश्विनी चोपड़ा, सीनियर एडवोकेट नरेश मारकंडा भी मौजूद रहे।