Congress Rift: ऑपरेशन सिंदूर पर नजरअंदाज़ किए जाने पर मनीष तिवारी ने यूं दर्द बयां किया – ‘भारत की बात सुनाता हूं’
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में जारी बहस के बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर फिल्म पूरब और पश्चिम के प्रसिद्ध गीत का हवाला देते हुए पार्टी द्वारा 'बेंच' किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा – 'भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं' — जो न केवल उनकी देशभक्ति का प्रतीक बना, बल्कि कांग्रेस नेतृत्व को एक सधा हुआ संदेश भी।
मंगलवार को तिवारी ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने उन्हें और शशि थरूर को बोलने से क्यों रोका। रिपोर्ट की हेडलाइन थी – “सरकार के पक्ष में बोले: ऑपरेशन सिंदूर बहस में कांग्रेस ने क्यों किया तिवारी-थरूर को बेंच”।
इसी पोस्ट के साथ मनीष तिवारी ने अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें तिरंगा उनके पीछे दिखाई दे रहा था। उन्होंने लिखा: 'है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं; भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं – जय हिंद।'
क्या है पूरा विवाद?
पार्टी के भीतर यह चर्चा तेज हो गई थी कि क्या तिवारी और थरूर को संसद में बोलने का अवसर मिलेगा, क्योंकि ये दोनों नेता हाल ही में विदेशों में भारत का पक्ष रखने वाले प्रतिनिधिमंडलों में शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने शशि थरूर से पूछा था कि क्या वे ऑपरेशन सिंदूर पर बोलना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने इसके बजाय इंडियन पोर्ट्स बिल, 2025 पर बोलने की इच्छा जताई।
शशि थरूर कर चुके हैं सरकार की प्रशंसा
विशेष रूप से शशि थरूर को लेकर यह अटकलें ज़ोरों पर थीं कि क्या कांग्रेस उन्हें बोलने देगी, क्योंकि उन्होंने पहालगाम आतंकी हमले के बाद सरकार के कदमों की खुलकर सराहना की थी। इसी कारण पार्टी के कुछ वर्गों में उनका विरोध देखा जा रहा है।
संसद के दोनों सदनों में पहालगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) और ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस चल रही है। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। विपक्ष, खासकर कांग्रेस, सरकार पर खुफिया चूक का आरोप लगा रहा है।
राहुल गांधी लगातार विदेश नीति पर उठा रहे हैं सवाल
साथ ही, कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को वैश्विक समर्थन नहीं मिला और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'भारत-पाक संघर्ष में मध्यस्थता' वाले दावों को भी हथियार बनाकर सरकार को घेरा है। हालांकि केंद्र सरकार ट्रंप के बयानों को खारिज कर चुकी है।