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कांग्रेस-आप ने जताया विरोध, भाजपा का समर्थन

एक राष्ट्र एक चुनाव पर चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 16 जून (हप्र)

चंडीगढ़ में सोमवार को आयोजित ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और आप ने जहां इसका विरोध किया वहीं भाजपा ने इसका समर्थन किया। जानकारी के मुताबिक सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति द्वारा लाये गये संविधान विधेयक 2024 और संघ संशोधन विधेयक 2024 के अंतर्गत ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लेकर एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में हुई। इसमें एक देश एक चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पाटिर्यों से विचार एवं सुझाव लिये गये थे। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि कांग्रेस द्वारा छह सदस्यीय कमेटी बनायी गई, जिसमें जतिन्दर भाटिया, अच्छे लाल गौड़, हाज़ी जाहीद परवेज़ खान, हरमेल केसरी, राजदीप सिद्धू और गुरदर्शन शामिल हैं। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने इन सभी सदस्यों को बैठन में उपस्थित होने के लिये न्योता भेजा गया था। बैठक के दौरान सभी सदस्यों ने एकमत से ‘एक देश एक चुनाव’ बिल का विरोध किया और सभी सदस्यों ने कहा की इस बिल की देश को कोई आवश्यकता नहीं है और इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की गई। इस बिल में बहुत खामियां पायी गई हैं। संयुक्त संसदीय समिति द्वारा पूछे गये सभी बिन्दुवार सवालों के जवाब लिखित में सौंपे गये।

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आम आदमी पार्टी ने ‘एक देश एक चुनाव’ बिल का विरोध किया है। पार्टी अध्यक्ष विजयपाल सिंह, महामंत्री ओमकार सिंह औलख, पीपी घई, मीडिया प्रभारी विक्रांत ए. तनवर ने संसद की इस महत्वपूर्ण चर्चा में संवैधानिक, राजनीतिक और सामाजिक आधारों पर ‘एक देश एक चुनाव’ के खतरों को स्पष्ट करते कहा कि यह प्रस्ताव दिखावटी तो लग सकता है, लेकिन इसका प्रभाव विषैला और संवैधानिक मूल्यों के लिए घातक होगा।

देश बनेगा बड़े बदलाव का साक्षी : मल्होत्रा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का स्पष्ट और दृढ़ समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह न केवल समय और संसाधनों की बचत करेगा, बल्कि लोकतंत्र को अधिक स्थिरता और पारदर्शिता भी प्रदान करेगा। मल्होत्रा ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों से देश की विकास प्रक्रिया बार-बार बाधित होती है और प्रशासनिक मशीनरी व सुरक्षा बलों पर भी अनावश्यक दबाव पड़ता है। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विचार देशहित में एक दूरदर्शी पहल है, जिसे सभी राजनीतिक दलों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे और देश एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।

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