चंडीगढ़, 29 जून (एजेंसी) जीएसटी परिषद की चंडीगढ़ में मंगलवार को शुरू हुई बैठक के दूसरे दिन राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को जारी रखने और ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो तथा घुड़दौड़ पर सर्वाधिक 28 फीसदी की दर से कर लगाने जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है। बैठक के पहले दिन, मंगलवार को जीएसटी परिषद ने कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की दरों में बदलाव को मंजूरी दी थी। दूसरे दिन, राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति को जून 2022 के बाद विस्तार देना और ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो तथा घुड़दौड़ पर 28 फीसदी कर लगाने की एक मंत्रिसमूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर बात होगी। मंत्रिसमूहों ने इन गतिविधियों के लिए एक समान कर दर और मूल्यांकन प्रक्रिया का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि जीएसटी लगाने के उद्देश्य से, इन गतिविधियों में केवल इस आधार पर कोई भेद नहीं किया जाना चाहिए कि कोई गतिविधि कौशल या संयोग या दोनों का खेल है। जीओएम का कहना है कि प्रतियोगिता प्रवेश शुल्क समेत ऑनलाइन गेमिंग के पूरे मूल्य पर कर लगाया जाना चाहिए। रेसकोर्स के मामले में भी मंत्रिसमूह ने दांव के पूरे मूल्य पर जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। मंत्रिसमूह ने कहा है कि कसीनो में भी खिलाड़ी द्वारा खरीदे गए कुल सिक्कों के पूरे अंकित मूल्य पर कर लगाया जाना चाहिए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।