चंडीगढ़, 9 जनवरी (ट्रिन्यू)
पंजाब में विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आज यहां डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में 40 वें दिन भी अपना पूरा काम बंद कर रखा और क्रमिक भूख हड़ताल जारी रखी। डॉ. अमिताभ द्विवेदी, डॉ. रमन कंबोज और डॉ. सुमित गोकलानी आज भूख हड़ताल पर बैठे।
पंजाब सरकार द्वारा विरोध कर रहे शिक्षकों के साथ गतिरोध को दूर करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाने के बाद शिक्षकों ने इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करने के लिए सोमवार को बैठक करने का फैसला किया है। यह पता चला है कि चंडीगढ़ में कार्यरत शिक्षक देश के अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के समान सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के लिए काम करने के लिए एक संयुक्त कार्रवाई समिति शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। डीएवीसीटीयू के अध्यक्ष सुमित गोकलानी ने कहा कि चंडीगढ़ ट्राइसिटी में, जिसे एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है, यूजीसी के तहत काम करने वाले संस्थानों को सातवें सीपीसी का लाभ नहीं दिया गया है, जबकि उसी क्षेत्र में एआईसीटीई के तहत काम करने वाले संस्थानों को पहले ही मिल गया है। शिक्षकों ने कहा कि ट्राइसिटी में शिक्षा क्षेत्र के भविष्य की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी और इसके लिए सोमवार को डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में बैठक में कार्य योजना तैयार की जाएगी।
पूटा ने चांसलर को लिखा पत्र
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) ने आज चांसलर एवं उप-राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू को एक पत्र लिखकर पीयू में कोविड-19 और सेवा नियमों पर गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगाया। डेंटल कालेज के एक प्रोफेसर दीपक गुप्ता का वेतन रोके जाने की शिकायत की है। प्रो. गुप्ता को पिछले दो माह से वेतन जारी नहीं किया जा रहा है। पूटा प्रधान ने आरोप लगाया कि गैर-सत्यापन के बहाने एमएचए दिशानिर्देशों और सेवा नियमों का उल्लंघन कर बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी के कारण वेतन रोका जा रहा है जबकि बायोमेट्रिक उपस्थिति कोविड के चलते बंद है। उन्होंने इस प्रणाली का उपयोग अस्थायी रूप से निलंबित किये जाने की मांग भी की। पूटा ने इस संबंध में नियमों का उलंल्घन करने पर कुलपति के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि पिछले दो माह से प्रो. गुप्ता बायोमेट्रिक के खिलाफ बार-बार लिखित अनुरोध दे रहे हैं लेकिन इसके बावजूद सरकारी दिशानिर्देशों के अनुपालन और सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। पूटा इस तरह के अवैध, मनमाने और तानाशाही कृत्य की कड़ी निंदा करता है और प्रधानाचार्य के खिलाफ भी तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की। कल सीनेट में प्राचार्य प्रो. हेमंत बतरा और प्रो. जगत भूषण ने प्रो. दीपक गुप्ता को लेकर कई आपत्तियां जतायी थीं और उन्हें रेगुलर किये जाने पर भी सख्त एतराज जताया था। पूटा प्रधान की बात को अनदेखा करने पर ही आज उन्होंने चांसलर को यह खत लिखा है।