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सीआईएसएफ ने मानसिक स्वास्थ्य पहल को दी नई उड़ान

एम-पावर के साथ तीन साल के लिए बढ़ाया समझौता
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फ़ाइल फ़ोटो
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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और व्यापक बनाने के लिए आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले सामाजिक उद्यम ‘एम-पावर’ के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को तीन साल के लिए रिन्यू किया है। यह फैसला सीआईएसएफ की महत्वाकांक्षी पहल ‘प्रोजेक्ट मन’ की सफलता को देखते हुए लिया गया है। नवंबर 2024 में एक साल के लिए हुए प्रारंभिक समझौते ने उम्मीद से कहीं अधिक परिणाम दिए। बीते एक वर्ष में 75 हजार से अधिक सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों ने मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और उपचार सेवाओं का लाभ उठाया। अधिकारियों का कहना है कि इसी ठोस आधार ने कार्यक्रम को लंबी अवधि के लिए विस्तार दिलाया है।

वर्तमान में 13 सेक्टरों में 23 एम-पावर परामर्शदाता और चिकित्सीय मनोवैज्ञानिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। नए समझौते के तहत इनकी संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी। साथ ही, सेवाओं का दायरा पटना, अहमदाबाद, प्रयागराज, भोपाल/इंदौर, जम्मू, चंडीगढ़, जयपुर और कोचीन सहित कई नए शहरों तक फैलाया जाएगा।

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सीआईएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट मन का सबसे बड़ा असर यह रहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बना नकारात्मक दृष्टिकोण काफी हद तक टूटा है। अब कर्मी और उनके परिवार समय रहते मदद लेने में संकोच नहीं करते। इस पहल ने भावनात्मक मजबूती, तनाव प्रबंधन और चुनौतियों से जूझने की क्षमता को मजबूत किया है। साथ ही, दूरस्थ और संवेदनशील स्थानों पर भी देखभाल उपलब्ध होने से अनुपस्थिति, थकान और दीर्घकालिक मानसिक समस्याओं में कमी आई है।

इन्होंने किए हस्ताक्षर

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में एम-पावर की प्रेसिडेंट प्रवीण शेख और संरक्षिका की वाइस प्रेसिडेंट सुधा सेंथिल मौजूद रहीं। इस अवसर पर सीआईएसएफ महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी ने कहा कि कि मानसिक स्वास्थ्य हमारी बल की मजबूती और कार्यक्षमता का अहम हिस्सा है। यह साझेदारी इसे और ऊंचाई पर ले जाएगी। इस समझौते ने साफ संकेत दे दिए हैं कि सुरक्षा बल अब केवल शारीरिक ताकत पर ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और भावनात्मक संतुलन पर भी समान जोर दे रहे हैं।

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