दान मोक्ष प्राप्ति का रास्ता : स्वामी सत्यानंद
सोहम पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने दान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल एक कार्य नहीं, बल्कि यह मानसिक शांति, आत्म-संतुष्टि और व्यक्तिगत विकास का रास्ता है। यह विचार स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने रविवार को पंचकूला के सेक्टर-2 स्थित श्रीराम मंदिर में आयोजित 13वें संत सम्मेलन में आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि दान पापों को मिटाता है, सुख-समृद्धि बढ़ाता है, और मोक्ष प्राप्ति में सहायक होता है। दान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और दूसरों की मदद करने से अच्छा महसूस होता है, जिससे आत्म-सम्मान और आत्म-मूल्य में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि दान केवल धन से ही नहीं, बल्कि तन और मन से भी किया जा सकता है। संत सम्मेलन में 50 के लगभग विद्वान संत पहुंचे। सम्मेलन का समापन 11 नवंबर को होगा, जिसमें दोपहर को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
