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मोहाली नगर निगम की बैठक में हंगामा : मेयर ने सफाई ठेका रद्द करने का दिया संकेत

अफसरों पर राजनीतिक दखल और पक्षपात के आरोप
मोहाली नगर निगम की बैठक में संबोधित करते मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू । साथ है कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह। -निस
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मोहाली नगर निगम की हाउस मीटिंग बुधवार को बहस, आरोप-प्रत्यारोप और नाराजगी का अखाड़ा बन गई। मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सफाई व्यवस्था, अवैध कब्ज़े, पानी की दरों और रेहड़ी–फड़ी नीति सहित कई मुद्दों पर पार्षदों ने जमकर सवाल उठाए। सबसे बड़ा खुलासा खुद मेयर ने किया, जब उन्होंने साफ कहा कि नगर निगम का मौजूदा सफाई ठेकेदार काम में विफल रहा है और उसका पांच साल का ठेका रद्द करने पर गंभीर विचार किया जा रहा है।

बैठक के दौरान मोहाली शहर में गंदगी की तस्वीरें दिखाते पार्षद। -निस

मेयर सिद्धू ने बताया कि मकेनिकल स्वीपिंग करने वाली कंपनी ने 22.60 किलोमीटर अतिरिक्त सड़कों की सफाई का झूठा दावा किया है। सभी पार्षदों ने ठेकेदार की कार्यप्रणाली को असफल करार देते हुए कहा कि यदि 2023 तक सफाई संभालने वाली पुरानी कंपनी कम दर पर तैयार हो जाती है तो मौजूदा कंपनी का ठेका, जिसे अभी केवल डेढ़ साल हुआ है, समाप्त कर दिया जाएगा। वार्ड-1 की पार्षद जसप्रीत कौर ने निगम पर आरोप लगाया कि तीन महीने पहले बनी सड़क को खुद ही 400 मीटर तक खोद दिया गया।

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वहीं पार्षद हरजीत सिंह भोलू ने कहा कि 30 लाख रुपये में 10 पार्क विकसित किए जा सकते थे, लेकिन पूरा पैसा केवल एक पार्क पर खर्च हुआ क्योंकि वहां सत्ताधारी दल का नेता रहता है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि निगम के पास 15 करोड़ रुपये का फंड है, फिर भी अफसर पैसे नहीं होने का बहाना करते हैं। ‘अगर पैसा इस्तेमाल नहीं करना तो निगम पर ताला लगा दो।’

पानी और रेहड़ी–फड़ी नीति पर अहम फैसले

पार्षद गुरप्रीत कौर ने मटौर गांव की गंदगी, आवारा पशुओं और कब्ज़ों की समस्या उठाई और कहा कि बार-बार मुद्दा उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वहीं कुंभड़ा के पार्षद रविंदर सिंह बिंद्रा ने आरोप लगाया कि अफसर अवैध इमारत मालिकों से लाखों रुपये रिश्वत लेकर कार्रवाई रोक देते हैं।

कब्जे और रिश्वतखोरी पर तीखे सवाल

बैठक में पानी के रेट बढ़ाने और मुफ्त पानी लेने वाले घरों को बिल भेजने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे अधिकांश पार्षदों ने समर्थन दिया। उनका कहना था कि इससे पानी की बर्बादी रुकेगी। रेहड़ी–फड़ी नीति पर तय किया गया कि वेंडर्स से मासिक शुल्क लिया जाएगा। किसी को स्थायी जगह नहीं मिलेगी और नियम तोड़ने पर तीन बार चेतावनी के बाद सामान जब्त कर लिया जाएगा। नारियल बेचने वालों को मार्केटों के वेंडिंग जोन में स्थान देने का भी निर्णय हुआ।

सीवरेज पाइप की जांच की मांग

पूर्व डिप्टी मेयर मनजीत सिंह सेठी ने कुंभड़ा से पीसीएल चौक तक डाली गई सीवरेज पाइप के धंसने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि संबंधित ठेकेदार की सिक्योरिटी जब्त कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मेयर सिद्धू ने मीटिंग के अंत में कहा कि निगम जनता की भलाई के लिए है, न कि किसी राजनीतिक दबाव के लिए।

 

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