PU में प्रदर्शन व सेक्टर-43 में किसान महापंचायत से चंडीगढ़ में सुरक्षा बलों का डेरा, सियासत भी गरमाई
PU protest and Kisan Mahapanchayat: पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के कुलपति कार्यालय के बाहर बुधवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में भीड़ कम रही। प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय की सीनेट चुनाव की अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर जुटे थे, लेकिन कैंपस में माहौल शांत रहा। प्रदर्शन में कम भीड़ की बड़ी वजह यह रही कि शहर का मुख्य फोकस सेक्टर-43 स्थित दशहरा ग्राउंड में किसानों के विशाल प्रदर्शन की ओर खिसक गया। पंजाब के किसान संगठनों की इस महापंचायत के चलते भारी पुलिस बल, रिज़र्व फोर्स और प्रशासनिक ध्यान वहीं केंद्रित रहा।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि किसान यूनियनों के प्रतिनिधि विश्वविद्यालय पहुंचेंगे और वहां उपस्थित छात्रों व कर्मचारियों को संबोधित करेंगे। इस घोषणा के बावजूद सुबह के समय कैंपस में भीड़ सीमित रही। वहीं, यूथ कांग्रेस भी छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है।
सेक्टर-43 में मंच तैयार, किसान पहुंचने शुरू
सेक्टर-43 स्थल पर किसान संगठनों के नेता और प्रतिनिधि पहुंचने शुरू हो गए हैं। वहां सभा के लिए मंच तैयार किया जा रहा है और सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है।
पीयू बचाओ मोर्चा द्वारा पूर्ण बंद का आह्वान
पीयू बचाओ मोर्चा—जो 50 से अधिक छात्र संगठनों, किसान संगठनों, सामाजिक समूहों और कर्मचारी यूनियनों का संयुक्त मंच है—ने बुधवार को पूर्ण ‘कैंपस बंद’ का आह्वान किया था। 10 नवंबर को हुए उग्र विरोध की तर्ज पर आज भी विश्वविद्यालय परिसर बंद रहा।
विश्वविद्यालय बंद, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
- विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही बुधवार को छुट्टी घोषित कर चुका था
- सभी विभाग बंद रहे
- प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर भारी पुलिस तैनाती की गई
- कैंपस के अंदर सभी दुकानें भी बंद रहीं
किसानों की महापंचायत
किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन के पांच साल पूरे होने के मौके पर आज चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की महापंचायत करने जा रहा है। सेक्टर-43बी में आयोजित इस कार्यक्रम में पंजाब सहित देशभर से हजारों किसान पहुंच रहे हैं। सुबह से ही महापंचायत स्थल पर किसानों के जत्थे पहुंचने शुरू हो गए हैं।
केंद्रीय बल तैनात, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महापंचायत को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी है। चंडीगढ़ पुलिस के साथ-साथ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान भी सेक्टर-43 में तैनात कर दिए गए हैं। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और किसी संभावित स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की भी मदद ली है। मौके पर किसानों की ओर से लंगर की व्यापक तैयारियां की गई हैं। दूर-दराज से आए किसानों के लिए भोजन की भी व्यवस्था है।
किसानों की मुख्य मांगें
भाकियू (लक्खोवाल) ने बताया कि महापंचायत में केंद्र सरकार और पंजाब सरकार दोनों को मांगपत्र सौंपा जाएगा। किसान अपनी अधूरी मांगों पर अब भी अड़े हुए हैं। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
- एमएसपी की कानूनी गारंटी
- पंजाब को चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार
- पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब से जुड़ा दर्जा बहाल करना
- राज्य के जल संसाधनों पर पंजाब का हक सुनिश्चित करना
- इसके अलावा केंद्र के नए चार लेबर कोड, बिजली संशोधन विधेयक 2025, बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान और सहूलियतों सहित कई अन्य मुद्दों को भी मांगपत्र में शामिल किया गया है।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
किसान नेताओं ने संकेत दिया है कि यदि सरकारें उनकी मंगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठातीं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
