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चंडीगढ़ की शिक्षिका ज्योत्सना को एक और सम्मान, शिक्षा, खेल के क्षेत्र में बढ़ाया मान

Chandigarh Education News: चंडीगढ़ की शिक्षिका ज्योत्सना आज हर उस शिक्षक के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जो शिक्षा को सिर्फ पेशा नहीं बल्कि एक मिशन मानते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्हें पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के...
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Chandigarh Education News: चंडीगढ़ की शिक्षिका ज्योत्सना आज हर उस शिक्षक के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जो शिक्षा को सिर्फ पेशा नहीं बल्कि एक मिशन मानते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्हें पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के हाथों स्पेशल अवार्ड से सम्मानित किया गया। इससे पहले भी वह अपने उल्लेखनीय कार्यों के लिए कई बार सम्मानित हो चुकी हैं।

यह सम्मान सिर्फ उनके प्रयासों की औपचारिक पहचान नहीं है, बल्कि उस जुनून और समर्पण का प्रतीक है, जिसे ज्योत्सना ने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर साबित किया है।

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ऐसे समय में जब कक्षा शिक्षण अक्सर रटंत विद्या पर आधारित होता है। ऐसे में ज्योत्सना सचमुच एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली साबित हुई हैं। एक समर्पित शिक्षाविद् के रूप में, उन्होंने न केवल साल-दर-साल 100% शैक्षणिक परिणाम हासिल किए हैं, बल्कि छात्रों के सीखने और विकास के तरीके को भी बदल दिया है, उन्हें आत्मविश्वासी और सर्वांगीण व्यक्तित्व के रूप में ढाला है।

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उनका दृष्टिकोण पाठ्यपुस्तकों से कहीं आगे जाता है। समग्र शिक्षा में विश्वास रखते हुए, वह अपने छात्रों को खेल और पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से 21वीं सदी के आवश्यक कौशल प्रदान करती हैं। जूडो में दो बार राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, वह अनुशासन और दृढ़ता की अपनी यात्रा का उपयोग प्रेरणा देने के लिए करती हैं। उनके मार्गदर्शन में, उनके छात्रों ने राज्य और अंतर-विद्यालय चैंपियनशिप में 100 से अधिक पदक जीते हैं। जहां एक तरफ गानों के माध्यम से वो सामाजिक के विषय को आसान बनाती है, वहीं देश भर के बच्चों के लिए 200 से ज्यादा वीडियो दीक्षा, पी एम ई विद्या चैनल पे चलती हैं, पीसा, FLN, NCF जैसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में उन्होंने आगे बढ़कर भाग लिया है।

2024 में ज्योत्सना ने स्टडी ऑफ द यू.एस. इंस्टीट्यूट्स (SUSI) प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसकी मेजबानी अमेरिका की कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, चिको ने की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम चुनिंदा शिक्षकों को ही अवसर देता है। उनके इस चयन ने न केवल उनका बल्कि पूरे चंडीगढ़ का नाम रोशन किया।

ज्योत्सना अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण प्रगति के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। अपने स्कूल में उन्होंने एक जूडो टीम का निर्माण किया। 2023 में टीम ने 10 पदक जीते। 2024 में 19 पदकों के साथ जीत का सिलसिला जारी रहा और इस साल उनके छात्रों ने 3 स्वर्ण, 7 रजत और 15 कांस्य पदकों सहित 25 पदक जीते। स्कूल ने अंडर-17 ओवरऑल बॉयज़ चैंपियनशिप जीती और अंडर-19 बॉयज़ वर्ग में उपविजेता रहा।

उनका दृढ़ विश्वास है कि खेल छात्रों को कई तरह से सशक्त बनाते हैं। वह कहती हैं, "लड़कियां आत्मरक्षा में अच्छी तरह से सक्षम होती हैं, जबकि लड़के अपनी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक तरीके से करते हैं।" उनके प्रयास 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने वालों की चुनौती से निपटने में भी मदद करते हैं। वह बताती हैं, "ज़्यादातर छात्र पैसों की कमी के कारण स्कूल छोड़ देते हैं। लेकिन अगर वे पदक जीतते हैं, तो वे खेल विभाग द्वारा 30,000 से 48,000 तक की छात्रवृत्ति के पात्र होते हैं। इससे वे आत्मनिर्भर बनते हैं और अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलती है।"

अपनी उपलब्धियों के बारे में हमेशा विनम्र रहने वाली गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 20 डी की शिक्षिका ज्योत्सना अपने प्रधानाचार्य नरिंदर सिंह को श्रेय देती हैं, जिनके प्रोत्साहन और निरंतर प्रेरणा से टीम को और ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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