Chandigarh Tamil Sangam जब सेवा एक आदत नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य बन जाए, तो इंसान समाज का सबसे सुंदर चेहरा बन जाता है। ऐसी ही प्रेरणादायक मिसाल हैं चंडीगढ़ की समाजसेविका हरभजन कौर, जिन्हें आज चंडीगढ़ तमिल संगम के 55वें (एमराल्ड) वार्षिकोत्सव समारोह में 'सेवा मेडल' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके उस अविरल समर्पण की पहचान है, जिसने करुणा को कर्म और संवेदना को सामाजिक शक्ति में बदल दिया है।
भव्य समारोह भरथी भवन, सेक्टर 30-बी में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल प्रो. आशीम कुमार घोष ने हरभजन कौर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि जब नारी दृढ़ निश्चय और संवेदना के साथ आगे बढ़े, तो वह पूरे समाज के लिए प्रकाशपुंज बन जाती है।
पंजाब मार्कफेड में पूर्व कर्मचारी रहीं हरभजन कौर पिछले दो दशकों से समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उनका जुड़ाव पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जहां उन्होंने जरूरतमंद रोगियों की सहायता के लिए न केवल आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, दस्ताने, दवाइयां, ब्लड प्रेशर मशीनें और डिफिब्रिलेटर जैसे उपकरण दान किए।
सम्मान प्राप्त करने के बाद उन्होंने विनम्रता से कहा कि ‘मैं इस सम्मान के लिए हृदय से आभारी हूं। गुरबाणी हमें सिखाती है- किरत करो, नाम जपो, वंड छको। मेरा मानना है कि परमात्मा हमें दूसरों की सेवा का अवसर देता है। धन का वास्तविक मूल्य तभी है, जब वह किसी के जीवन को बचाने में काम आए।’
कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्होंने अपना योगदान जारी रखा। उन्होंने सैकड़ों दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालकों और गरीब परिवारों को राशन, दवाइयां और आर्थिक सहायता दी। इसके साथ ही उन्होंने सिविल अस्पताल, सेक्टर 45 को चिकित्सा उपकरण और दवाएं दान कीं।
अब तक हरभजन कौर ने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास जैसे क्षेत्रों में लगभग पचहत्तर लाख रुपये से अधिक का योगदान किया है। उनके समर्पण को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें चंडीगढ़ प्रशासन का प्रशंसा पत्र, पीजीआईएमईआर ऑनर अवार्ड और सोशल डेवलपमेंट काउंसिल, पंजाब का शिरोमणि समाजसेवी अवार्ड प्रमुख हैं।

