चंडीगढ़, 1 जून (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व छात्र और रोजगार निदेशालय, हरियाणा सरकार के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक डॉ. एसएस चड्ढा ने मनोविज्ञान में करियर पर एक कार्यशाला आयोजित की। विशेषज्ञ पैनल में डॉ. डीएस परमार शामिल थे। मनोविज्ञान विभाग के चेयरपर्सन डॉ रोशन लाल ने कहा कि सही समय पर करियर काउंसलिंग से छात्रों को सही करियर बनाने में मदद मिलती है। डॉ. एसएस चड्ढा ने कहा कि गैर-रोजगार समस्या नहीं है, लेकिन समस्या एजेंसियों के बीच है कि उन्हें नहीं पता कि सही प्रतिभा कहां उपलब्ध है और छात्रों को अपनी प्रतिभा के अनुसार पता नहीं है कि रिक्ति कहां है। एक गैप है और ऐसे गैप को सही समय पर सही करियर काउंसलिंग से पूरा किया जा सकता है।
डॉ. डीएस परमार ने कहा कि आज के काउंसलर केवल व्यावसायिक जानकारी प्रदान कर रहे हैं क्योंकि हमारे अधिकांश छात्र नौकरी पाने या अच्छी शादी के लिए पढ़ रहे हैं। इसलिए सरकार को सही करियर काउंसलिंग के साथ सही मार्गदर्शन के लिए काम करना चाहिए। भारत के पास 35,000 व्यवसायों की एक सूची है लेकिन पर्याप्त जानकारी के अभाव में यह जनता तक नहीं पहुंच पा रही। चंडीगढ़ में लगभग 87 स्कूल काउंसलर काम कर रहे हैं लेकिन फिर भी स्कूली छात्रों को सही करियर काउंसलिंग नहीं मिल रही है।
डॉ. एनके (यूएसए) ने छात्रों का रिज्यूम राइटिंग और साक्षात्कार कौशल के लिए मार्गदर्शन किया। मियामी विश्वविद्यालय से डॉ पंखुड़ी अग्रवाल ने भी छात्रों को यूएसए में मनोविज्ञान के दायरे के बारे में बताया। डॉ एच के छाबड़ा ने कहा कि 9वीं और 10वीं के स्तर पर योग्यता परीक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए।