चंडीगढ़ की सड़कें खस्ताहाल, कांग्रेस ने निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
गड्ढों में तबदील हो चुकी चंडीगढ़ की सड़कों की मरम्मत न होने के कारण शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एचएस लक्की के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदों वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर बंटी, उपमहापौर तरुणा मेहता, गुरप्रीत गाबी, दर्शना रानी, निर्मला देवी और सचिन गालव के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं यादविंदर मेहता और दिलावर सिंह ने नगर निगम आयुक्त अमित कुमार को ज्ञापन सौंप कर निगम के अधीन आने वाले क्षेत्रों में सड़कों की बिगड़ती हालत की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।
ज्ञापन में कहा गया कि यह शायद पहली बार है जब नगर निगम के इतिहास में सड़कों की हालत इतनी बदतर और चिंताजनक हो गई है। चंडीगढ़, जो कभी अपनी उत्कृष्ट शहरी योजना और बेहतर सड़क ढांचे के लिए जाना जाता था, आज गड्ढों, टूटी-फूटी सड़कों, ऊबड़-खाबड़ सतहों और किनारों के टूटने जैसी समस्याओं से जूझ रहा है जिससे आम लोगों और राहगीरों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
उन्होंने कहा कि कि शहर
के लोगों, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों और चुने हुए पार्षदों द्वारा बार-बार शिकायतें किए जाने के बावजूद नगर निगम या प्रशासन द्वारा अब तक मरम्मत या पुन: निर्माण की पहल नहीं की गई है। मानसून ने हालात को और भी बिगाड़ दिया है, जिससे जलभराव और पहले से ही क्षतिग्रस्त सड़कों का क्षरण और तेज़ हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए हर वर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन इन कार्यों का क्रियान्वयन बेहद लचर, अव्यवस्थित और जवाबदेही से परे है। आम जनता इसका खमियाजा भुगत रही है, जबकि नगर निगम की साख भी निरंतर गिरती जा रही है।
इन क्षेत्रों की सड़कें बदहाल
ज्ञापन में कहा गया कि इंडस्ट्रियल एरिया फेज़ 1 और 2, जहां सड़कों की जर्जर हालत से व्यापार और आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं धनास, मौली जागरां, हल्लोमाजरा, बुड़ैल, बापूधाम, पलसौरा, रामदरबार, इंदिरा कॉलोनी, मलोया और मनीमाजरा जैसे इलाकों और कॉलोनियों की सड़कें पूरी तरह से उपेक्षित हैं। आंतरिक बाज़ारों की सड़कें भी बेहद खराब हो चुकी हैं, खासकर साइकिल सवारों, दोपहिया वाहन चालकों और बुज़ुर्गों के लिए। यहां तक कि मुख्य मार्ग, जैसे सेक्टर 26 की ग्रेन मार्केट से ट्रांसपोर्ट एरिया तक जाने वाली सड़कें भी बेहद खराब स्थिति में हैं।
आयुक्त के समक्ष रखी ये मांगें
एक स्वतंत्र तकनीकी संस्था की निगरानी में पूरे शहर की सड़कों की स्थिति का व्यापक सर्वेक्षण करवाया जाए, अधिक यातायात वाली और रिहायशी क्षेत्रों में सड़कों की तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण युद्ध स्तर पर किया जाए, पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान जारी टेंडरों, स्वीकृत निधियों, कार्य की समयसीमा और पूर्णता की स्थिति की सार्वजनिक जानकारी दी जाए, सड़क संबंधी शिकायतों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाए, जिसकी साप्ताहिक समीक्षा वरिष्ठ अभियंता अधिकारियों द्वारा की जाए, घटिया गुणवत्ता वाले सड़क निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों और अभियंताओं की सख्त जवाबदेही तय की जाए, जिसमें वित्तीय दंड और ब्लैकलिस्टिंग जैसे प्रावधान लागू हों।