Chandigarh PGIMER ने खोला प्रोजेक्ट, हर छात्र बन सकेगा 'सारथी; मरीजों की सेवा में युवाओं की बढ़ेगी भागीदारी
पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ ने अपने प्रतिष्ठित ‘प्रोजेक्ट सारथी’ को अब राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) तक सीमित न रखते हुए सभी इच्छुक छात्र स्वयंसेवकों के लिए खोल दिया है। साथ ही, मरीजों से तुरंत प्रतिक्रिया लेने के लिए ‘सारथी फीडबैक ऐप’ की शुरुआत की गई है। इस दोहरी पहल का उद्देश्य है- मरीजों को सहज और संवेदनशील सेवा देना, और अस्पताल की कार्यप्रणाली को लगातार सुधारते रहना।
अब हर छात्र बन सकेगा मदद का सारथी
पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि प्रोजेक्ट सारथी ने यह दिखाया है कि संगठित छात्रों की भागीदारी से अस्पताल की सेवाओं में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। अब इसे NSS के दायरे से बाहर लाकर सभी छात्रों के लिए खोला जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस सेवा अभियान से जुड़ सकें।
फीडबैक ऐप से तुरंत मिलेगा मरीजों का अनुभव
नया ‘सारथी फीडबैक ऐप’ हर स्वयंसेवक के पास उपलब्ध रहेगा। जब वे मरीज या उनके परिजनों की मदद करेंगे, तो उसी समय मोबाइल ऐप के जरिए प्रतिक्रिया भी ली जाएगी। यह डेटा सीधे प्रशासन के पास जाएगा, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार किया जा सकेगा।
मरीजों की जटिल यात्रा को बनाते हैं आसान
डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) पंकज राय ने बताया कि सारथी वॉलंटियर्स मरीजों और उनके परिजनों के लिए एक पुल की तरह हैं, जो उन्हें जटिल प्रक्रियाओं से गुजरने में मदद करते हैं। ग्रामीण और दूरदराज़ से आने वाले मरीजों को जब भाषा, दिशा या विभागों की जानकारी नहीं होती, तब यही वॉलंटियर्स उन्हें सहारा देते हैं। अब किसी भी शैक्षणिक संस्थान के छात्र इस अभियान से जुड़ सकते हैं। इसके लिए इच्छुक छात्र ddapgi@gmail.com पर अपना नाम, संस्थान और संपर्क विवरण भेज सकते हैं।
सेवा, तकनीक और संवेदना का संगम
पंकज राय ने आगे कहा कि फीडबैक ऐप से हम न केवल मरीजों की बातों को सुन सकेंगे, बल्कि व्यवस्थाओं में तुरंत बदलाव भी कर पाएंगे। यह पीजीआई की 'पार्टिसिपेटरी हेल्थकेयर' की सोच को और मजबूत करेगा।