Chandigarh PGI : ‘सारथी’ बना सेवा का नया आंदोलन, पीजीआईएमईआर में वालंटियर्स को मिला सम्मान
अब इमरजेंसी ब्लॉक में भी करेंगे मरीजों की मदद
Chandigarh PGI : अस्पताल के भीड़भाड़ वाले गलियारों में जब कोई मरीज या उसका परिजन भटकता है तो एक ‘सारथी’ जैकेट पहना छात्र आगे बढ़कर उसका हाथ थाम लेता है। यही छोटा-सा मानवीय स्पर्श मरीज के चेहरे पर सुकून और उम्मीद की रौशनी भर देता है। पीजीआईएमईआर ने इसी सेवा भाव को संजोते हुए सोमवार को सारथी वालंटियर्स के सर्टिफिकेशन और नए बैच के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया।
निदेशक प्रो. विवेक लाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “तनाव का सबसे अच्छा इलाज है लोगों के लिए भलाई करना। छोटी-सी मदद भी बहुत बड़ी होती है।” उन्होंने नए वालंटियर्स को प्रेरित किया कि हर दिन कम से कम 10 मरीजों की मदद करने का लक्ष्य बनाएं और खुद उनके पास जाकर सेवा का संकल्प निभाएं।
‘सारथी’ से मिलेगी इमरजेंसी ब्लॉक में भी राहत
प्रो. लाल ने बताया कि अब वालंटियर्स को इमरजेंसी ब्लॉक में भी तैनात किया जाएगा, जहां वे परेशान मरीजों और परिजनों की तत्काल मदद कर सकेंगे। उन्होंने इन्हें “गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि “पीजीआई एक मंदिर है, जहां सेवा ही सबसे बड़ा पूजन है।”
सोसाइटी का गठन, 17 संस्थानों से 1163 छात्र जुड़े
कार्यक्रम के दौरान सोसाइटी ऑफ सारथी का भी गठन किया गया। डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) पंकज राय ने बताया कि मई 2024 में शुरू हुई यह पहल अब 17 संस्थानों से 1,163 छात्रों को जोड़ चुकी है, जिन्होंने अब तक 68,280 घंटे की निःशुल्क सेवाएं दी हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर गूंज
‘सारथी’ पहल को माई भारत पोर्टल पर शामिल किया गया है और अब तक 34 राज्यों के 1,467 अस्पतालों तक इसकी पहुंच बन चुकी है। लगभग 7,500 छात्र इस सेवा से जुड़े हैं, जिससे यह एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले चुका है।
यह आयोजन न सिर्फ पुराने वालंटियर्स के योगदान का सम्मान था, बल्कि नए छात्रों के लिए प्रेरणा भी—कि एक-एक छोटी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं का चेहरा बदला जा सकता है।