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Chandigarh PGI : हाथ, चेहरा और पैर बने सबसे ज्यादा शिकार; दीपावली की रात पटाखों ने पहुंचाया दर्द पीजीआई तक

17 लोग पटाखों से घायल होकर पहुंचे अस्पताल, पांच की हुई सर्जरी; डॉक्टर बोले—थोड़ी सावधानी से बच सकती हैं बड़ी दुर्घटनाएं

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Chandigarh PGI : दीपावली की जगमगाहट के बीच पटाखों की चिंगारी कई परिवारों के लिए दर्द की वजह बन गई। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में अब तक पटाखों से घायल 17 लोग इलाज के लिए पहुंचे हैं। इनमें सात मरीज पहले दिन आए थे, जबकि दस नए मरीज मंगलवार को भर्ती किए गए।

डॉक्टरों के अनुसार, सात मरीजों के हाथों में पटाखा फटने से गंभीर चोटें आईं, तीन लोगों के चेहरे पर गहरे घाव हैं और दो के पैरों में चोटें हैं, जिनके लिए ऑर्थोप्लास्टिक इंटरवेंशन की जरूरत पड़ी। पांच मरीजों की सर्जरी एडवांस ट्रॉमा सेंटर में की गई, जबकि पांच अन्य को मामूली झुलसने के बाद प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई।

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प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. अतुल पाराशर ने कहा, “हर साल दीपावली के मौके पर ऐसे हादसे देखने को मिलते हैं, जिन्हें थोड़ी सी सावधानी और बच्चों पर निगरानी रखकर आसानी से टाला जा सकता है। हाथ और चेहरे पर होने वाली चोटें न केवल दर्दनाक होती हैं बल्कि जीवनभर के लिए निशान छोड़ जाती हैं।”

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उन्होंने बताया कि दीपावली के दौरान एडवांस ट्रॉमा सेंटर में विशेष टीम 24 घंटे तैनात रखी गई थी, जिसमें सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ शामिल थे, ताकि हर मरीज को तुरंत उपचार मिल सके।

डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि पटाखों से होने वाली चोटें अक्सर स्थायी विकलांगता या विकृति का कारण बनती हैं। खासकर बच्चों और युवाओं में ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं, जो असावधानी और उत्साह में सुरक्षा नियम भूल जाते हैं। उन्होंने अपील की कि लोग पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित तरीके से दीपावली मनाएं।

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