मोहाली, 25 जुलाई (निस)
2021 का गर्मी का सीजन भी खत्म होने को है, लेकिन मोहाली में नये फायर स्टेशन बनाने का काम पहली छमाही में शुरू नहीं हो सका। दावे व प्रपोजल सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह गए। आग पर काबू पाने के लिए अभी भी जिला मोहाली चंडीगढ़, पंचकूला या फिर सेना पर निर्भर है। तीनों सब डिवीजन में फायर ब्रिगेड व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन फिलहाल एेसा कुछ नजर नहीं आ रहा। मोहाली में पहला फायर ब्रिगेड स्टेशन 1978 में स्थापित हुआ था। उस समय फेज-11 तक का इलाका भी मुश्किल से बसा था। लेकिन अब नये सेक्टर बस गए हैं। गमाडा के मास्टर प्लान के मुताबिक मोहाली का विस्तार सेक्टर-125 तक हो चुका है। दूसरी ओर एयरोसिटी और आईटी सिटी बस गए हैं। दोनों में रिहायशी एरिया, कंपनियां और शिक्षण संस्थान बन चुके हैं। लेकिन अभी तक मोहाली शहर के अंदर मात्र एक फायर स्टेशन ही है।
शहर में दो नये फायर ब्रिगेड स्टेशन स्थापित किए जाने थे। इनमें सेक्टर-78 और एक इंडिस्ट्रयल एरिया में स्थापित किया जाना था। लेकिन यह प्रोजेक्ट पांच साल में सिर्फ फाइलों से आगे नहीं निकल पाया है। फायर ब्रिगेड विभाग के पास हाईड्रोलिक लैडर समेत अति आधुनिक उपकरण तो आ गए हैं। लेकिन पिछले 14 साल से कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो पाई है। टेलीफोन ऑपरेटर से लेकर अधिकारी तक 25 का स्टाफ है। कहीं भी आग लगने की स्थिति में अधिकारियों तक को खुद ही गाड़ियां चलाकर ले जानी पड़ती हैं।
क्या कहते हैं मेयर
मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि शहर में नये फायर स्टेशन बनाने का काम जल्द शुरू हो रहा है। कर्मचारियों की भर्ती आदि को लेकर भी प्रक्रियाएं चल रही हैं।