Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Chandigarh News : पीजीआई में मना 'रिसर्च एप्रिसिएशन डे', प्रो. राठौ बोले - शोध प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, यह जीवन में बदलाव लाने वाला मिशन है

शोधकर्ताओं को मिला सम्मान, रचनात्मक गतिविधियों और प्रेरक व्याख्यानों से सजी ज्ञान की यह यात्रा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 9 जुलाई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Research Appreciation Day 2025 : "शोध कभी अकेला प्रयास नहीं होता, यह एक सामूहिक यात्रा है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है।" - यह विचार पीजीआईएमईआर के डीन (अकादमिक) प्रो. आर. के. राठौ ने एसोसिएशन ऑफ बेसिक मेडिकल साइंटिस्ट्स (एबीएमएस) द्वारा आयोजित ‘रिसर्च एप्रिसिएशन डे 2025’ के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।

Advertisement

एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के शोधकर्ताओं के समर्पण और नवाचार को सराहा गया। विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र, शोधार्थी और संकाय सदस्य इसमें उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

‘बायोरचना’ पत्रिका के कवर का अनावरण

कार्यक्रम की शुरुआत एबीएमएस अध्यक्ष श्वेता जैन के स्वागत भाषण से हुई। इसके पश्चात प्रो. राठौ और आईआईएसईआर मोहाली के डीन डॉ. परमानंद गुप्तसरमा ने ‘बायोरचना’ पत्रिका के कवर पृष्ठ का लोकार्पण किया, जो इस वर्ष प्रकाशित की जाएगी।

विशेषज्ञों ने बताया शोध का महत्व और अवसर

कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने शोध में करियर की संभावनाओं और सामाजिक प्रभाव पर व्याख्यान दिए। प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:

डॉ. परमानंद गुप्तसरमा (डीन, आईआईएसईआर मोहाली)

डॉ. अखिलेश कुमार (वैज्ञानिक, थर्मोफिशर साइंटिफिक इंडिया)

डॉ. अक्षय नाग (सीईओ, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन)

वक्ताओं ने छात्रों को बताया कि शोध केवल प्रयोगशालाओं में सीमित नहीं, बल्कि यह समाज की समस्याओं के समाधान का माध्यम भी है। उन्होंने अकादमिक और औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध अपार संभावनाओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

प्रतियोगिताओं में दिखी रचनात्मकता

शोध के साथ रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें शामिल थीं:

ओपन माइक

पेट्री प्लेट पेंटिंग

‘बिहाइंड द पेपर’ स्टोरी टेलिंग

फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी

साइंस क्विज

पत्रिका कवर डिजाइन प्रतियोगिता

प्रतिदिन के अंत में लकी ड्रा के माध्यम से प्रतिभागियों को उपहार भी वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन मूवी नाइट के साथ हुआ, जो प्रतिभागियों के लिए यादगार रहा।

“शोध को डर नहीं, दिशा की तरह देखें”

समापन सत्र में श्वेता जैन ने शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमें ऐसा वातावरण बनाना है, जहां युवा शोध को जटिलता के बजाय बदलाव की शक्ति के रूप में देखें। एबीएमएस का प्रयास यही है कि शोध को सराहा जाए, समझा जाए और आगे बढ़ाया जाए।

Advertisement
×