Chandigarh News : फिजियोथेरेपी प्रोफेशन को मिली नई पहचान, स्वास्थ्य सेवा में लाएगा बदलाव
चंडीगढ़ ,19 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Chandigarh News : उत्तराखंड सरकार द्वारा नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (NCAHP) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद फिजियोथेरेपी व अन्य सहबद्ध स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों में उत्साह की लहर है। इस ऐतिहासिक फैसले पर एसएपीटी इंडिया और एनबीएफ भारत के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष, तथा पीजीआई चंडीगढ़ के वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डा. अनिरुद्ध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने इसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला निर्णय करार दिया।
स्वास्थ्य सेवा को डॉक्टर-केंद्रित से मरीज-केंद्रित बनाने की दिशा में बड़ा कदम
डॉ. उनियाल ने कहा कि यह आयोग स्वास्थ्य क्षेत्र को केवल डॉक्टरों तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि फिजियोथेरेपी सहित अन्य सहबद्ध स्वास्थ्य प्रोफेशनल्स को संस्थागत पहचान और व्यावसायिक स्वायत्तता प्रदान करेगा। आयोग में फिजियोथेरेपी की परिभाषा WHO, ILO और ISCFW के मानकों के अनुरूप दी गई है, जिसमें इसे एक "स्वायत्त प्रोफेशन" के रूप में मान्यता दी गई है।
तीन में से दो सुझाव पहले ही हो चुके हैं लागू
डॉ. उनियाल ने बताया कि अक्टूबर 2023 में मुख्यमंत्री को सौंपे गए तीन प्रमुख सुझावों में से दो - ‘सोटो उत्तराखंड’ और NCAHP लागू करना - पहले ही स्वीकार किए जा चुके हैं। अब केवल राज्य के पहले सरकारी फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना का इंतज़ार है, जिसे लेकर सरकार सकारात्मक रुख दिखा चुकी है।
अवैध प्रैक्टिस पर लगेगी लगाम, गांव-देहात तक पहुंचेगी सेवा
उन्होंने कहा कि आयोग में राज्य स्तरीय रजिस्ट्रेशन, रेगुलेशन और पेनल्टी सिस्टम शामिल है, जिससे न केवल अवैध प्रैक्टिस पर रोक लगेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाएं गांव और दूरदराज के इलाकों तक सरलता से पहुंच सकेंगी। यह कदम आत्मनिर्भर भारत और स्वावलंबी उत्तराखंड की ओर एक ठोस पहल है।
डॉ. उनियाल ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो फिजियोथेरेपी समेत सभी एलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को वह सम्मान दिलाएगा, जिसके वे लंबे समय से हकदार हैं।
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