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Chandigarh News : पीजीआई चंडीगढ़ ने रचा कीर्तिमान: लिवर ट्रांसप्लांट लाइसेंस नवीनीकरण की जांच सफल

राष्ट्रीय टीम ने सराहा संस्थान का ट्रांसप्लांट सिस्टम, उत्तर भारत के अग्रणी केंद्र के रूप में उभरा PGIMER
Prof Vivek Lal, Director PGIMER felicitating Dr Pranjal Modi, Chairman, Inspection Committee at the successful completion of the inspection
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विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 30 मई (ट्रिन्यू)

Chandigarh News : हर अंगदान एक जीवनदान है और पीजीआई चंडीगढ़ ने यह बात एक बार फिर सिद्ध कर दी है। संस्थान ने शुक्रवार को एक अहम पड़ाव पार करते हुए लिवर ट्रांसप्लांट लाइसेंस के नवीनीकरण से जुड़ी राष्ट्रीय जांच सफलता के साथ पूरी की। यह निरीक्षण भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन्स एक्ट (THOA) के तहत किया।

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“ट्रांसप्लांट सिस्टम में भरोसे का नाम बन चुका है पीजीआई” – निदेशक

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा, “यह उपलब्धि पीजीआई की नैतिक चिकित्सा, उत्कृष्टता और मानवीय सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारा लक्ष्य सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि एक ऐसा ट्रांसप्लांट इकोसिस्टम विकसित करना है, जो पूरे उत्तर भारत के लिए आशा का केंद्र बने।”

उन्होंने आगे कहा कि “हर सफल ट्रांसप्लांट टीम के समर्पण, तकनीकी कुशलता और कोऑर्डिनेशन का नतीजा होता है। हम अंगदान को सामाजिक अभियान के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।”

विशेषज्ञ समिति ने की PGIMER की कार्यप्रणाली की प्रशंसा

निरीक्षण दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. प्रांजल मोदी, प्रमुख, लिवर ट्रांसप्लांटेशन, IKDRC अहमदाबाद ने कहा, “PGIMER जैसी सार्वजनिक संस्थान में इतने ऊंचे मानकों और समर्पण के साथ काम होते देखना प्रेरणादायक है। यह देश के ट्रांसप्लांट सिस्टम के लिए आशा की मिसाल है।”

दल के अन्य सदस्यों में कर्नल प्रियांक धीमान (AHRR, दिल्ली) और डॉ. अमरजीत कौर (सीनियर रीजनल डायरेक्टर, ROHFW, चंडीगढ़) ने ICU सेवाओं, संक्रमण नियंत्रण प्रणाली, और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन में संस्थान की दक्षता की सराहना की।

हर विभाग ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

निरीक्षण की प्रक्रिया प्रो. लिलेश्वर कामन (विभागाध्यक्ष, जनरल सर्जरी) और प्रो. टी.डी. यादव (जीआई, एचपीबी एवं लिवर ट्रांसप्लांट विभाग) की निगरानी में संपन्न हुई।

कार्यक्रम का विवरण डॉ. स्वप्नेश कुमार साहू ने प्रस्तुत किया, जिसमें PGIMER के अत्याधुनिक सर्जिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईसीयू सुविधाएं, संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल और समन्वित ट्रांसप्लांट नेटवर्क की जानकारी दी गई।

प्रमुख टीम में डॉ. अजय सावलानिया, डॉ. चेरिंग तांडुप, डॉ. हरजीत सिंह, डॉ. निपुण बवाने, डॉ. अर्च डे, डॉ. नवीन भगत और एनेस्थीसिया विभाग से प्रो. समीर सेठी शामिल रहे, जिन्होंने पेरी-ऑपरेटिव देखभाल प्रणाली को विस्तार से प्रस्तुत किया।

120 से अधिक लिवर ट्रांसप्लांट, बच्चों पर भी विशेष ध्यान

PGIMER का लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट अब तक 120 से अधिक ट्रांसप्लांट कर चुका है। वर्ष 2020 से 2025 के बीच 36 ट्रांसप्लांट किए गए, जिनमें 3 लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट और 1 लिवर-किडनी संयुक्त ट्रांसप्लांट शामिल हैं। इनमें लगभग 11 प्रतिशत ट्रांसप्लांट बच्चों में हुए हैं, जो उच्च जोखिम वाले मामलों को संभालने में PGIMER की विशेषज्ञता को दर्शाता है।

देश में अंगदान को लेकर बना नई जागरूकता का केंद्र

संस्थान का ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सिस्टम आज राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बन चुका है। यहां 24x7 ICU सेवाएं, प्रशिक्षित कोऑर्डिनेटर्स, सख्त संक्रमण नियंत्रण और एंटीमाइक्रोबियल प्रबंधन जैसे मजबूत सहयोगी तंत्र कार्यरत हैं। PGIMER के कोऑर्डिनेटर्स को देश के सबसे कम उम्र के डोनर्स से जुड़े मामलों को संभालने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी मिल चुका है।

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