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Chandigarh News : अब रोबोट लगाएगा खर्राटों पर रोक! पीजीआई में नई तकनीक से स्लीप एप्निया का इलाज संभव

Chandigarh News : अब रोबोट लगाएगा खर्राटों पर रोक! पीजीआई में नई तकनीक से स्लीप एप्निया का इलाज संभव
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विवेक शर्मा

चंडीगढ़, 21 मार्च

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Chandigarh News : अगर आपको लगता है कि खर्राटे सिर्फ एक आम समस्या हैं, तो सतर्क हो जाइए! यह स्लीप एप्निया जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जो दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है। लेकिन अब इसका इलाज रोबोटिक सर्जरी से संभव होगा।

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में आयोजित कैडेवरिक हेड एंड नेक डिसेक्शन और रोबोटिक सर्जरी कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि रोबोटिक तकनीक की मदद से बिना बड़े चीरे के स्लीप एप्निया का इलाज किया जा सकता है। इससे मरीज को कम दर्द और जल्दी रिकवरी का फायदा मिलेगा।

खर्राटे सिर्फ शोर नहीं, बल्कि खतरे की घंटी!

कार्यशाला में प्रो. सिओक मो किम, प्रो. मदन कापरे, प्रो. अशोक शेनॉय और डॉ. चिरोम अमित सिंह जैसे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने रोबोटिक थायरॉयडेक्टॉमी और ट्रांसओरल रोबोटिक सर्जरी (TORS) का लाइव प्रदर्शन किया। इस नई तकनीक के जरिए अब गले और श्वसन मार्ग की जटिल सर्जरी भी बेहद सटीक और सुरक्षित ढंग से की जा सकेगी।

IAOHNS की आयोजन अध्यक्ष और पीजीआई की ईएनटी विभागाध्यक्ष प्रो. जैमंती बख्शी ने बताया कि कार्यशाला में लैरिंक्स, थायरॉइड और पेरोटिड ग्लैंड सर्जरी से जुड़ी अत्याधुनिक तकनीकों को पेश किया गया।

उन्होंने कहा कि, "रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को कम दर्द, कम खून बहाव और जल्दी रिकवरी का फायदा मिलेगा। यह तकनीक ईएनटी और हेड-नेक सर्जरी में एक नई क्रांति साबित होगी।"

कैसे फायदेमंद है रोबोटिक सर्जरी?

छोटा चीरा, कम दर्द: पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले इसमें चीरा बेहद छोटा होता है।

अत्यधिक सटीकता: रोबोटिक सिस्टम माइक्रो-लेवल पर सटीक सर्जरी करने में सक्षम हैं, जिससे जटिलताएं कम होती हैं।

तेजी से ठीक होने की संभावना: रोबोटिक सर्जरी के बाद मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं और उन्हें अस्पताल में कम समय रुकना पड़ता है।

बेहतर कॉस्मेटिक रिजल्ट्स: गले या चेहरे पर कोई बड़ा निशान नहीं बनता।

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