Chandigarh News लीज होल्ड मकान अब होंगे फ्री होल्ड
Conversion Rates चंडीगढ़ प्रशासन ने लंबे इंतजार के बाद लीज होल्ड रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में बदलने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। अब कन्वर्जन चार्जेज की गणना कलेक्टर रेट के आधार पर होगी। प्रशासन के अनुसार अप्रैल से कलेक्टर रेट पहले ही बढ़ चुके हैं, जिससे शुल्क दो से ढाई गुना तक बढ़ जाएंगे। जैसे-जैसे कलेक्टर रेट संशोधित होंगे, कन्वर्जन चार्जेज भी स्वतः बढ़ते जाएंगे। दक्षिणी सेक्टरों की तुलना में उत्तरी सेक्टरों में यह प्रक्रिया ज्यादा महंगी होगी। फिलहाल शहर की लगभग 50 प्रतिशत रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी लीज होल्ड पर है, जबकि कमर्शियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में बदलने की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
मनीमाजरा समेत अन्य कॉलोनियों पर असर
मनीमाजरा (अब सेक्टर-13) के मकानों और फ्लैट्स का कन्वर्जन सेक्टर-38 और उससे आगे के शहरी क्षेत्रों के कलेक्टर रेट पर आधारित होगा। ईडब्ल्यूएस मकान, इंडस्ट्रियल लेबर हाउस, सस्ते मकान, एलआईजी, एमआईजी और एमआईजी (अपर) श्रेणी के मकान व फ्लैट्स, जिन्हें एस्टेट ऑफिस या चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने लीज होल्ड आधार पर अलॉट किया था, उनके कन्वर्जन चार्जेज प्रो-राटा आधार पर तय होंगे। तीन महीने पहले संपदा विभाग ने शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब प्रशासन की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले रेट्स में संशोधन वर्ष 2021 में हुआ था।
शुल्क वृद्धि का असर
नए रेट्स से शहरवासियों की जेब पर सीधा बोझ बढ़ेगा। उदाहरण के लिए सेक्टर-1 से 12 तक कन्वर्जन शुल्क पहले 93,587 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, जो अब बढ़कर 2,13,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है। यानी इन क्षेत्रों में कन्वर्जन करवाना दोगुने से भी ज्यादा महंगा हो गया है।
अब ये देना होगा शुल्क
- 0-50 वर्ग मीटर : कोई शुल्क नहीं
- 51-150 वर्ग मीटर : कलेक्टर रेट का 7.5%
- 151-250 वर्ग मीटर : 10%
- 251-350 वर्ग मीटर : 15%
- 351-500 वर्ग मीटर : 20%
- 501-1000 वर्ग मीटर : 22.5%
- 1000 वर्ग मीटर से अधिक : 25%