Chandigarh News : सेक्टर-26 मंडी की बदहाल व्यवस्था पर प्रशासन सख्त, कृषि सचिव की अध्यक्षता में की गई अहम बैठक
चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Chandigarh News : सेक्टर-26 की अनाज मंडी में फैली अव्यवस्था, जर्जर सड़कों, खराब सफाई व्यवस्था और अवैध अतिक्रमण पर लगाम लगाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने कमर कस ली है। बृहस्पतिवार को प्रशासन के कृषि सचिव हरि कलिकट, आईएएस की अध्यक्षता में हुई अंतरविभागीय बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए और संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि अब लापरवाही नहीं चलेगी।
सड़कों और लाइटिंग की हालत सुधरेगी
बैठक में सबसे पहले मंडी की जर्जर आंतरिक सड़कों और खराब स्ट्रीट लाइटिंग का मुद्दा उठा। कृषि सचिव ने स्पष्ट किया कि मंडी को अन्य शहरी क्षेत्रों की तरह प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इंजीनियरिंग विभाग को आदेश दिए गए कि गड्ढे भरने और लाइटिंग अपग्रेडेशन का काम तुरंत और पूरी गति से पूरा किया जाए। फरवरी में तय किए गए कार्यों में अभी तक सिर्फ 30% प्रगति होने पर नाराजगी जताई गई।
कचरे के ढेर पर समाधान का भरोसा
मंडी से निकलने वाले ठोस कचरे को एमसीसी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक पहुंचाने में आ रही दिक्कतों पर भी चर्चा हुई। मार्केट कमेटी ने लगातार आ रही चुनौतियों को सामने रखा। इस पर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त ने भरोसा दिलाया कि अपशिष्ट निपटान अब सुचारु होगा और सफाई ठेकेदार को सभी जरूरी सहयोग दिया जाएगा।
बढ़ते अतिक्रमण पर सख्त रवैया
बैठक में इस तथ्य पर चिंता जताई गई कि मंडी में केवल 12 विक्रेता ही पंजीकृत हैं, जबकि दर्जनों अनधिकृत विक्रेता अवैध रूप से कब्जा किए बैठे हैं। इससे न केवल सफाई व्यवस्था बाधित हो रही है बल्कि यातायात व्यवस्था भी चरमराई हुई है। एमसीसी ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए समर्पित ट्रक उपलब्ध कराने और जब्त सामान हटाने में सहयोग का आश्वासन दिया।
सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
मंडी परिसर में कानून-व्यवस्था की स्थिति मजबूत करने के लिए ट्रैफिक डीएसपी और थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए कि वे रोजाना कम से कम तीन पीसीआर गश्त सुनिश्चित करें। मंडी के बीट बॉक्स में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात करने और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, पथराव जैसी घटनाओं पर तत्काल सख्त कार्रवाई करने को कहा गया।
मंडी के लिए विशेष योजना की मांग
कृषि सचिव ने जोर दिया कि मंडी एक विशेष क्षेत्र है, जहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं और कचरे का उत्पादन भी अधिक होता है। ऐसे में इसके लिए एक मंडी-विशिष्ट योजना बनाई जाए, ताकि यहां की बुनियादी ढांचा, सफाई और यातायात व्यवस्था को दीर्घकालिक और स्थायी समाधान मिल सके।
समन्वय और जवाबदेही पर रहेगा फोकस
अंत में सचिव ने सभी विभागों को चेताया कि समस्याओं को एक-दूसरे पर टालने की बजाय समन्वय से हल किया जाए। हितधारकों और मंडी आने वाले लोगों की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए अब हर विभाग को तय समयसीमा में कार्य पूरा करना होगा।