चंडीगढ़ एनसीडी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : हर 10 में से 6 मरीज कैंसर से पीड़ित, महिलाओं में स्तन और पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर शीर्ष पर
चंडीगढ़ की सेहत पर एक अहम अध्ययन ने चिंता बढ़ा दी है। चंडीगढ़ नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) रजिस्ट्री की दूसरी रिपोर्ट (2018–2021) में खुलासा हुआ है कि शहर के हर 10 में से 6 मरीज कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें महिलाओं...
चंडीगढ़ की सेहत पर एक अहम अध्ययन ने चिंता बढ़ा दी है। चंडीगढ़ नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) रजिस्ट्री की दूसरी रिपोर्ट (2018–2021) में खुलासा हुआ है कि शहर के हर 10 में से 6 मरीज कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं। यह रिपोर्ट शनिवार को पीजीआई, विश्व एनसीडी फेडरेशन और चंडीगढ़ प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से जारी की गई।
पीजीआईएमईआर के एडवांस आई सेंटर ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में देशभर के जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ और नीति-निर्माता शामिल हुए।
रिपोर्ट जारी करते हुए प्रो. जे.एस. ठाकुर, अध्यक्ष, विश्व एनसीडी फेडरेशन ने बताया कि यह डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की पहली एकीकृत एनसीडी रजिस्ट्री है, जो कैंसर, हृदयाघात, स्ट्रोक, डायबिटीज़, एप्लास्टिक एनीमिया और किडनी रोग जैसे गंभीर गैर-संचारी रोगों की निगरानी करती है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
जुलाई 2018 से दिसंबर 2021 तक दर्ज कुल 6622 मामलों में:
- कैंसर के 4166 (62.9%),
- हृदयाघात के 1835 (27.7%),
- स्ट्रोक के 547 (8.3%),
- यंग डायबिटीज के 54 (0.8%),
- एप्लास्टिक एनीमिया के 20 (0.3%) केस दर्ज हुए।
कैंसर की आयु-संशोधित दर पुरुषों में 97.33 प्रति लाख, जबकि महिलाओं में 98.74 प्रति लाख रही।
पुरुषों में फेफड़ों (14.7%), प्रोस्टेट (13.9%), और ब्लैडर कैंसर (6.7%) सबसे सामान्य रहे।
महिलाओं में स्तन (36.3%), अंडाशय (7.4%), और गर्भाशय ग्रीवा (6.6%) प्रमुख कैंसर पाए गए।
कैंसर से मृत्यु दर में पुरुषों में फेफड़ों (15.6%) और महिलाओं में स्तन कैंसर (20.7%) सबसे आगे रहे।
विशेषज्ञों ने क्या कहा
डॉ. मनीष बंसल (डीजीएचएस, हरियाणा) ने कहा, “यह रिपोर्ट राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण में मार्गदर्शन करेगी। हरियाणा में एकीकृत एनसीडी रजिस्ट्री शुरू करने की तैयारी चल रही है।”
प्रो. जी.पी. थामी (निदेशक-प्राचार्य, जीएमसीएच-32) ने इसे चंडीगढ़ के सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र का मील का पत्थर बताया।
डॉ. विपिन कौशल (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, पीजीआईएमईआर) ने कहा कि “ऐसे आंकड़े स्वास्थ्य सेवाओं के पुनर्गठन और रोकथाम कार्यक्रमों की प्राथमिकता तय करने में सहायक होंगे।”
स्तन कैंसर जागरूकता माह पर रचनात्मक पहल
रिपोर्ट जारी होने के साथ ही स्तन कैंसर जागरूकता माह के उपलक्ष्य में पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसमें अनन्या शर्मा, डॉ. धीनाधायलन और डॉ. विग्नेश ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि रोहिणी कुमारी और विजयश्री सिंह को सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
स्वास्थ्य डेटा से बदलाव की दिशा
कार्यक्रम का समापन प्रो. राकेश कपूर (सचिव, विश्व एनसीडी फेडरेशन) के धन्यवाद प्रस्ताव से हुआ। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ का यह मॉडल दिखाता है कि जब डेटा, तकनीक और जन-जागरूकता साथ चलते हैं, तो न केवल बीमारी की पहचान होती है, बल्कि उपचार की दिशा भी तय होती है।