विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 अप्रैल
नगर निगम सदन की विशेष बैठक में हंगामे के बाद विपक्षी पार्षद वाकआउट कर गए।
विपक्षी पार्षद पानी और महंगाई के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन भाजपा पार्षद एजेंडे पर चर्चा करना चाहते थे। विपक्षी पार्षदों के जाने के बाद सदन में मौजूद भाजपा के 13 पार्षदों ने चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनाए रखने, पंजाब व हरियाणा के लिए स्वतंत्र राजधानी बनाने का प्रस्ताव पास किया। इसके अलावा चंडीगढ़ विधानसभा का प्रस्ताव भी पास किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि चंडीगढ़ का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बरकरार रखा जाए और शहर की अपनी विधानसभा गठित की जाए, ताकि शहरवासी अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से शहर की नीतियों और भविष्य के निर्णय में सहभागी हो सकें। केंद्र के हस्तक्षेप से हरियाणा और पंजाब को अपने-अपने राज्य की स्वतंत्र राजधानी विकसित करने के आदेश जारी किए जाए। इसके अलावा चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का भी आभार जताया गया। भाजपा पार्षद महेश इंद्र सिद्धू यह प्रस्ताव लेकर आए। उन्होंने कहा कि सिर्फ भाजपा लोगों की आवाज बुलंद कर रही है। चंडीगढ़ को पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश, विधानसभा बनाने और पंजाब-हरियाणा को नयी राजधानी देने का प्रस्ताव लाया गया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध जताया। आप पार्षद प्रेमलता ने कहा कि इस मुद्दे पर पंजाब के सीएम भगवंत मान का नाम लेना गलत है। सदन में पोस्टर वार शुरू हो गया है। भाजपा और आप दोनों एक दूसरे के खिलाफ पोस्टर लेकर आए हैं।
भाजपा पार्षद एजेंडे पर बात करना चाहते थे, लेकिन आम आदमी पार्टी पानी के बढ़े दामों पर मेयर से बयान देने पर अड़ी थी। वहीं कांग्रेस पार्षद महंगाई के विरोध में नगर निगम के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में कांग्रेस पार्षद सदन में आ गए। सदन में आप ने कहा कि विकास के मुद्दों पर प्रशासन का रोड़ा होता है। इस पर भाजपा ने कहा कि ये 13 लाख लोगों की इच्छा है, राजनीतिक मुद्दा नहीं है। बहस के दौरान भाजपा पार्षद जसमनप्रीत व आप पार्षद बादल आपसे में भिड़ गए थे।
चंडीगढ़ का मुद्दा संसद में ले जाएं
भाजपा के सीनियर डिप्टी मेयर दिलीप शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ को पंजाब और हरियाणा के अफसरों के बीच बांट लिया जाता है। ऐसे में चंडीगढ़ को उसका हक मिलना चाहिए। वहीं आप पार्षद योगेश ढींगरा ने हाउस में कहा कि चंडीगढ़ का मुद्दा संसद में क्यों नहीं ले जा रहे हैं। यह नगर निगम का मुद्दा नहीं है। प्रशासन का मुद्दा निगम में क्यों रखा जा रहा है। किस आधार पर चंडीगढ़ का मुद्दा यहां निगम में लाया गया है।
युवाओं को नहीं मिल रही नौकरी
भाजपा पार्षद कंवर पाल राणा ने चंडीगढ़ के नौजवानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों को यहां नौकरी नहीं मिल रही। अन्य राज्यों के बच्चे और नौजवान यहां आकर शिक्षा और नौकरियां हासिल कर रहे हैं। वहीं चंडीगढ़ के युवाओं को चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा में शिक्षा और नौकरी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ है जो चंडीगढ़ को छीन ले।
चंडीगढ़ का होना चाहिए अपना कैडर
बैठक में चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियम से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद प्रस्ताव लाया गया। भाजपा का कहना है कि केंद्रीय सेवा नियम पर भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ओछी राजनीति कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि वर्ष 1990 से पहले चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू थे। भाजपा पार्षदों का कहना था कि चंडीगढ़ में डेपुटेशन समाप्त होना चाहिए और चंडीगढ़ के लोगों को मौका मिलना चाहिए। चंडीगढ़ का भी अपना कैडर होना चाहिए, क्योंकि डेपुटेशन एक अस्थाई व्यवस्था थी। अब शहर में तीन पीढ़ियां हो चुकी हैं, इसलिए बदलाव का समय आ गया है।
पानी के मुद्दे पर हो बात : आप
चंडीगढ़ के मुद्दे पर नगर निगम में भाजपा के प्रस्ताव पर भारी हंगामे के बीच आप और कांग्रेस ने वॉक आउट कर दिया था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चंडीगढ़ में पानी के मुद्दे पर बहस छेड़ दी थी। उनका कहना था कि पहले शहर में पानी के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। उसके बाद चंडीगढ़ का मुद्दा रखा जाना चाहिए।