IPS आत्महत्या मामले पर चंडीगढ़ के प्रशासक कटारिया बोले, DGP की गिरफ्तारी से पहले तथ्यों की जांच जरूरी
IPS Suicide Case: आरोप लगभग 14-15 अधिकारियों पर लगाए गए हैं
IPS Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले ने अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इसे “गंभीर मामला” बताते हुए कहा कि पुलिस ने इसकी गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कटारिया ने कहा, “एक आईपीएस अधिकारी का आत्महत्या करना अत्यंत गंभीर विषय है। आरोप लगभग 14-15 अधिकारियों पर लगाए गए हैं। हरियाणा सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया है, जबकि डीजीपी की गिरफ्तारी की भी मांग उठ रही है, लेकिन इतने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई से पहले सभी तथ्यों की जांच आवश्यक है।”
#WATCH | जयपुर, राजस्थान: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के मौत मामले पर कहा, "निश्चित तौर पर एक IPS अधिकारी का आत्महत्या करना एक गंभीर विषय है और इसकी गंभीरता को देखते हुए ही हमने FIR दर्ज की है... 14 से 15 अधिकारियों पर… pic.twitter.com/HyGRNpII9o
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2025
चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की निष्पक्ष और व्यापक जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है।
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गौरतलब है कि वाई पूरन कुमार ने 7 अक्तूबर को अपने आवास पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। अपने ‘अंतिम नोट’ में उन्होंने आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिनमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी बिजारनिया भी शामिल हैं, पर जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिवंगत अधिकारी के परिवार से मुलाकात कर कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है” और हरियाणा सरकार से न्याय दिलाने की अपील की।