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Chandigarh Administration चंडीगढ़ प्रशासन ने बदले नियम : आउट ऑफ टर्न आवास आबंटन अब सिर्फ एक बार

पारदर्शिता और संतुलन पर जोर, दुरुपयोग की संभावना होगी खत्म
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Chandigarh Administration चंडीगढ़ प्रशासन ने सरकारी आवास आबंटन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब आउट ऑफ टर्न (क्रम से हटकर) आवास आबंटन की सुविधा किसी अधिकारी या कर्मचारी को केवल एक बार ही दी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि इस निर्णय से आवास वितरण प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायपूर्ण होगी।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एक बार यह लाभ लेने के बाद अधिकारी या कर्मचारी को दोबारा यह अवसर नहीं मिलेगा। हालांकि, यदि किसी कर्मचारी का तबादला ऐसे कार्यालय में हो जाए जहां वह आवास का हकदार नहीं है और इस कारण उसे आवास लौटाना पड़े, तो पात्र कार्यालय में वापसी पर वह इस सुविधा का दोबारा हकदार रहेगा।

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इस बदलाव की जानकारी चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को पत्र लिखकर दी है। पत्र में बताया गया है कि ‘सरकारी आवास (चंडीगढ़ प्रशासन सामान्य पूल) आबंटन नियम, 1996’ में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है।

संशोधित नियमों के अनुसार, यदि कोई अधिकारी अपने हक से नीचे की श्रेणी के आवास में रह रहा है तो उसके मामले में उच्च श्रेणी का आवास आउट ऑफ टर्न आधार पर दिया जा सकता है। इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं।

ये हैं शर्तें

  • मौजूदा आवास में कम से कम पांच वर्ष पूरे हो चुके हों।
  • अधिकारी कम-से-कम एक श्रेणी उच्च आवास का पात्र हो।
  • मौजूदा आवास टाइप-6 या उससे नीचे का हो।

इन प्रावधानों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में आवास आबंटन केवल वरिष्ठता सूची के आधार पर ही किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि नए नियमों से दुरुपयोग की संभावनाएं खत्म होंगी और पात्र कर्मचारियों को न्यायसंगत तरीके से आवास मिल सकेगा।

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