Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

चंडीगढ़ प्रशासन ने पीजीआई में छह महीने तक हड़ताल पर रोक लगाई

चंडीगढ़ प्रशासन ने पीजीआई में किसी भी कर्मचारी द्वारा हड़ताल करने पर छह महीने के लिए रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है और आज से प्रभावी माना गया है। आधिकारिक...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़ प्रशासन ने पीजीआई में किसी भी कर्मचारी द्वारा हड़ताल करने पर छह महीने के लिए रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है और आज से प्रभावी माना गया है। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पीजीआई में हड़ताल से आवश्यक सेवाओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सफाई और जनता के जीवन के लिए जरूरी सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि पीजीआई की सेवाओं को आवश्यक सेवा माना जाएगा और हड़ताल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। यह निर्णय हरियाणा एसेंशियल सर्विसेज (मेनेजमेंट) एक्ट, 1974 के तहत लिया गया है, जो चंडीगढ़ के लिए भी लागू होता है। अधिसूचना के अनुसार, इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

30 वर्षों के संघर्ष को मिला न्याय

चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पीजीआई के संविदा कर्मचारियों की संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया है, जिसमें पीजीआई में हड़ताल पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया गया। जेएसी ने इसे पीजीआई प्रबंधन की अहंकारी और भेदभावपूर्ण नीतियों पर अंकुश लगाने की दिशा में अहम फैसला बताया। समिति ने बताया कि पीजीआई कर्मचारियों के हक की लड़ाई 30 वर्षों से जारी है। 2016 में पीजीआई प्रबंधन द्वारा 12 दिसंबर 2014 को जारी प्रतिबंध नोटिफिकेशन को अदालत में चुनौती दी गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर की रिपोर्ट पर फैसला आएगा। यूनियन ने कहा कि पीजीआई न केवल पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मरीजों को भी सेवा प्रदान करता है। इसके बावजूद, कर्मचारियों के हितों की अनदेखी और प्रबंधन की भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण वर्षों से हड़तालें होती रही हैं। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पीजीआई में एस्मा (एस्मा) लागू नहीं है। साथ ही, जेएसी अध्यक्ष अश्वनी मुंजाल के प्रवेश पर लगी पाबंदी भी समाप्त कर दी गई है, जिससे कर्मचारियों को न्याय की बड़ी जीत मिली है। जेएसी अध्यक्ष अश्वनी मुंजाल ने कहा-यह फैसला हमारे लिए 30 साल के संघर्ष का परिणाम है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
×