PGI में जुटे देशभर के हृदय विशेषज्ञ : इमेजिंग-गाइडेड एंजियोप्लास्टी को सुरक्षित और सटीक बनाने पर सहमति
CIP India 2025 देशभर और विदेशों से आए हृदय रोग विशेषज्ञों ने चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय सोसायटी फॉर कोरोनरी इमेजिंग एंड फिजियोलॉजी (SCIP India 2025) सम्मेलन में इस बात पर सहमति जताई कि भविष्य में एंजियोप्लास्टी का मानक इमेजिंग-गाइडेड तकनीकों पर आधारित होगा। विशेषज्ञों ने माना कि उन्नत इमेजिंग न केवल प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाती है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और दीर्घकालिक परिणामों में भी सुधार करती है।
पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत और विदेशों से आए 250 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। यह क्षेत्र का एक प्रमुख अकादमिक आयोजन रहा, जिसमें उभरती तकनीकों, उपचार रणनीतियों और जोखिम कम करने वाले उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई।
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो. राजेश विजयवर्गीय ने बताया कि इमेजिंग-गाइडेड एंजियोप्लास्टी से चिकित्सकों को प्लाक की संरचना, रक्त प्रवाह और जटिल धमनियों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है, जिससे उपचार अधिक सुरक्षित और प्रभावी बन पाता है।
स्वस्थ हृदय के लिए जागरूकता जरूरी : प्रो. विवेक लाल
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि और पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने किया। उन्होंने कहा कि भारत में बढ़ते हृदय रोगों पर रोक लगाने के लिए जीवनशैली में अनुशासन और समय पर चिकित्सकीय परामर्श बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, शराब और धूम्रपान से दूरी, तनाव कम करने और समय पर जांच कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।
साठ वास्तविक मामलों से विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
सम्मेलन में साठ वास्तविक एंजियोप्लास्टी मामलों का विश्लेषण किया गया। इन प्रस्तुतियों में जटिल प्रक्रियाएं, इमेजिंग-आधारित निर्णय और उपचार के दौरान सामने आने वाली चुनौतियां शामिल थीं।
विंग कमांडर डॉ नवजोत कौर (कमांड अस्पताल वायुसेना, बैंगलोर) और डॉ सबरी कृष्णन (मीनाक्षी अस्पताल, तंजावुर, तमिलनाडु) को सर्वश्रेष्ठ केस प्रस्तुति पुरस्कार दिया गया। दोनों ही पीजीआई के पूर्व विद्यार्थी हैं और दोनों ने अत्यंत जटिल प्रक्रियाओं के उत्कृष्ट समाधान प्रस्तुत किए।
बेहतर उपचार परिणामों की दिशा तय
SCIP India 2025 ने यह स्पष्ट किया कि इमेजिंग-गाइडेड एंजियोप्लास्टी आधुनिक हृदय चिकित्सा की अनिवार्य आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सटीक इमेजिंग न केवल प्रक्रियाओं की सफलता बढ़ाती है, बल्कि मरीजों की रिकवरी तेज करती है और हृदय स्वास्थ्य के दीर्घकालिक परिणामों को भी बेहतर बनाती है।
सम्मेलन का समग्र निष्कर्ष रहा कि उन्नत तकनीक, चिकित्सकीय सहयोग और समय पर हस्तक्षेप मिलकर देश में हृदय रोग उपचार को नए मानक प्रदान करेंगे।
