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Breast Cancer रोबोटिक सर्जरी से स्तन कैंसर पर जीत : 43 वर्षीय महिला को मिला नया जीवन

Breast Cancer स्तन कैंसर से जूझ रही 43 वर्षीय महिला का निशान रहित रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी (आर-एनएसएम) और इम्प्लांट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी के जरिए सफल इलाज किया गया। इस अत्याधुनिक प्रक्रिया में दा विंची शी नामक चौथी पीढ़ी के रोबोट का...
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Breast Cancer स्तन कैंसर से जूझ रही 43 वर्षीय महिला का निशान रहित रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी (आर-एनएसएम) और इम्प्लांट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी के जरिए सफल इलाज किया गया। इस अत्याधुनिक प्रक्रिया में दा विंची शी नामक चौथी पीढ़ी के रोबोट का इस्तेमाल हुआ, जिसने कैंसरग्रस्त टिश्यू को पूरी तरह हटाते हुए स्तन का प्राकृतिक आकार और संवेदनशीलता बनाए रखी।

महिला को लंबे समय से बाएं स्तन में गांठें, त्वचा का रंग बदलना और निप्पल में बदलाव महसूस हो रहा था। जांच के बाद मल्टीपल ट्यूमर की पुष्टि हुई। इसके बाद फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के डिपार्टमेंट ऑफ ब्रेस्ट एंड एंडोक्राइन सर्जरी की टीम ने रोबोट-असिस्टेड निप्पल-स्पेयरिंग मास्टेक्टॉमी और इम्प्लांट रिकंस्ट्रक्शन करने का निर्णय लिया।

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ये किया

डॉ. नवल बंसल (सीनियर कंसल्टेंट, ब्रेस्ट एंड एंडोक्राइन कैंसर सर्जरी, फोर्टिस मोहाली) ने बताया कि पारंपरिक मैस्टेक्टॉमी में छाती पर बड़े निशान रह जाते हैं, जो महिलाओं के लिए भावनात्मक रूप से पीड़ादायक होते हैं। रोबोटिक तकनीक में चीरा छिपे हुए हिस्से पर लगाया जाता है, जिससे निशान नहीं दिखता और रिकवरी भी तेज होती है। उन्होंने कहा कि दा विंची रोबोट 3डी व्यू और 360 डिग्री घूमने वाले आर्म्स उपलब्ध कराता है, जिससे सर्जन बेहद सटीकता से कैंसर टिश्यू को हटाकर स्तन का स्वरूप बचा सकते हैं।

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