आध्यात्मिक उत्थान में सक्षम ब्रह्माकुमारी मिशन : ज्ञानचंद गुप्ता
समरसता और सद्भाव के शहर चंडीगढ़ में उस समय प्रेरणादायक दृश्य उपस्थित हुआ, जब हिंदू, मुस्लिम, सिख और क्रिश्चन धर्मगुरुओं की उपस्थिति में मानवता के उत्थान के लिए ‘आध्यात्मिक प्रकाश का स्तंभ’ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर हरियाणा...
समरसता और सद्भाव के शहर चंडीगढ़ में उस समय प्रेरणादायक दृश्य उपस्थित हुआ, जब हिंदू, मुस्लिम, सिख और क्रिश्चन धर्मगुरुओं की उपस्थिति में मानवता के उत्थान के लिए ‘आध्यात्मिक प्रकाश का स्तंभ’ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान का यह शांति मिशन न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को नई दिशा देने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र समाज में सकारात्मक सोच, नैतिक मूल्यों और आत्मिक विकास की पुनर्स्थापना करेगा।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान मिशन के नव-निर्मित ‘ग्लोबल डिवाइन लाइट हाउस’ का उद्घाटन श्रद्धा, उल्लास और दिव्यता के साथ सेक्टर-27 के रामलीला मैदान में संपन्न हुआ। कहा गया कि यह केंद्र साधकों की चेतना को जाग्रत कर सकारात्मक परिवर्तन का वाहक बनेगा। शुभारंभ दीप प्रज्वलन और शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसके बाद प्रेरणादायक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। सैकड़ों श्रद्धालुओं, विशिष्ट अतिथियों और विभिन्न राज्यों के ब्रह्माकुमारी केंद्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संस्थान के माउंट आबू स्थित मुख्यालय की चीफ मोहिनी दादी और जयंती दीदी ने वर्चुअल संदेशों में कहा कि यह केंद्र ‘सच्चे अर्थों में आत्मिक प्रकाश का स्रोत’ बनेगा, जिससे समाज में प्रेम, शांति और करुणा का विस्तार होगा।
दिल्ली महिला विंग की चेयरपर्सन राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने कहा कि सेवा भाव और श्रेष्ठ संकल्पों से किया गया हर कार्य महान होता है। आयोजक बी.के. पूनम ने कहा कि यह केंद्र आत्मिक उन्नति और मन की शांति की खोज में लगे साधकों के लिए दिव्य ऊर्जा स्थल बनेगा।
संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. शांतनु ने केंद्र को आत्मिक जागरण की नई शुरुआत बताया। बी.के. मेहरचंद ने कहा कि यह मंच आने वाली पीढ़ियों के लिए नैतिक मूल्यों और आंतरिक शक्ति का केंद्र बनेगा। प्रयागराज से आईं राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने कहा कि विश्व परिवर्तन की शुरुआत आत्म-परिवर्तन से होती है।
निदेशक पंजाब जोन प्रेम दीदी और उत्तरा दीदी ने कहा कि यह केंद्र ‘स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन’ की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा। कार्यक्रम में फादर परमानंद, राधेश्याम गर्ग, मेहरचंद, रामनाथ और एंकर विवेक सहित सैकड़ों सेवाधारी बहन-भाइयों ने भाग लिया। समापन पर भ्राता कर्मचंद ने सभी का आभार व्यक्त किया।