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कवि सम्मेलन और मुशायरे के साथ किया पुस्तकों का विमोचन

आधारशिला साहित्यिक संस्था ने रविवार को चार पुस्तकों ‘कुछ दोहे कमलेश के’, ‘मन के पांव’, ‘थोड़े शायद थोड़े काश’ और अंग्रेज़ी पोइम्स की पुस्तक का विमोचन किया और दूसरे सत्र में एक शानदार मुशायरे/ कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम...

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आधारशिला साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन और मुशायरे में पुस्तकों का विमोचन करते मुख्य अतिथि।-हप्र
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आधारशिला साहित्यिक संस्था ने रविवार को चार पुस्तकों ‘कुछ दोहे कमलेश के’, ‘मन के पांव’, ‘थोड़े शायद थोड़े काश’ और अंग्रेज़ी पोइम्स की पुस्तक का विमोचन किया और दूसरे सत्र में एक शानदार मुशायरे/ कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शायर डॉ. नफ़स अम्बालवी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इसके अलावा मध्य प्रदेश पचौर से आए कमलेश श्रीवास्तव की पुस्तक ‘दोहे कमलेश के’ का विमोचन हुआ। जिस पर जाने-माने शायर एवं साहित्यकार अशोक नूर ने पर्चा पढ़ा। ‘मन के पांव’ डॉ. अनिता सुरभि का काव्य-संग्रह है, जिसमें प्रकृति के मानवीय करण की 70 कविताएं हैं। मन के पाँव पर अरूण कुमार ने चर्चा की। ‘थोड़े शायद थोड़े काश’ हर्ष देव चोपड़ा की 67 रचनाओं से सजी पहली पुस्तक है जिसमें कविताएँ,नज़्में और गज़़लों का समन्वय है। इस पुस्तक की वक्ता रही अनिता सुरभि। दूसरे सत्र में एक शानदार मुशायरा और कविसम्मेलन हुआ।

जिसकी अध्यक्षता की मध्य प्रदेश से आए साहित्यकार कमलेश श्रीवास्तव ने और निजामत की शम्स तबरेजी ने। जिसमें आमंत्रित कवि थे पवन मुंतजिर, मुसव्विर फिरोजपुरी, हर्ष देव चोपड़ा, चरणजीत चंदवाल, अशोक अग्रवाल और अनिता सुरभि। आधारशिला साहित्यिक संस्था की अध्यक्ष अनिता सुरभि ने सभी का धन्यवाद कर कार्यक्रम को विराम दिया।

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