Blood Donation Camp: ब्रह्माकुमारीज़ की मनीमाजरा ब्रांच ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन
ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025) को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी अवसर पर संस्थान का समाजसेवा प्रभाग पूरे भारत और नेपाल में 22 से 25 अगस्त तक विशाल रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है। अभियान के तहत डेढ़ लाख यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया गया है।इसी कड़ी में आज सोमवार को ब्रह्माकुमारीज के विश्व कल्याण भवन, मनीमाजरा की ओर से भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि नगर निगम के स्पेशल कमिश्नर प्रदीप कुमार ने रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। सेक्टर 16 जी एम एस एच के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की डॉक्टर टीम द्वारा आयोजित इस अक्सर पर 60 से अधिक रक्त यूनिट एकत्रित हुए। रक्तवीरों को प्रमाण पत्र और गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। युवा से लेकर बुजुर्गों ने उत्साह से भाग लिया। इस अवसर पर चंडीगढ़ पुलिस के डी एस पी चरणजीत सिंह, डी एस पी दलबीर सिंह भिंडर,बीके प्रीति, बीके जसबीर सिंह जस्सी सहित अन्य भी उपस्थित थे।
शिविर का शुभारंभ करते हुए स्पेशल कमिश्नर प्रदीप कुमार ने कहा, “दान ही सबसे बड़ा बल है। दान केवल धन का ही नहीं होता, सबसे श्रेष्ठ दान है जीवनदान। रक्तदान उसी जीवनदान की श्रेणी में आता है।” उन्होंने आगे कहा कि रक्तदाताओं को संस्था की ओर से उनके सराहनीय कदम के लिए दिए जा रहे पौधे भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अच्छा कदम है। इससे लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी होंगे। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक युवा व्यक्ति साल में केवल दो बार भी रक्तदान करे तो देश में रक्त की कभी कमी नहीं होगी।
विश्व कल्याण भवन, मनीमाजरा के प्रमुख बी के मनीष कौल ने रक्तदान को “मानवता, करुणा और सेवा की भावना का उत्सव” बताया। उन्होंने कहा कि “एक यूनिट रक्त से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान के 24–48 घंटों में शरीर में नया रक्त बनने लगता है, जिससे रक्त ताज़ा और स्वस्थ रहता है।”
यह शिविर न केवल रक्त की कमी को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। साथ ही साथ जो आम लोग मे गलत धारण है कि रक्तदान से कमजोरी इत्यादी हो जाती है उसको भी खत्म करने का प्रयास किया गया।
इस दौरान रक्तदान शिविर में आने वाले लोगों का बीके मनीष कौल और प्रीति ने आत्मा परमात्मा के मिलन को लेकर पाठ्य सामग्री से मार्गदर्शन भी किया।