चंडीगढ़, 29 अप्रैल (ट्रिन्यू)जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के पीड़ितों की स्मृति में पीजीआई चंडीगढ़ के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दो दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन कर संवेदना और एकजुटता का सशक्त संदेश दिया। इस हमले में 27 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिससे देशभर में शोक की लहर फैल गई। यह शिविर मंगलवार को पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल द्वारा स्वयं रक्तदान कर आरंभ किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। हमें एकजुट रहकर यह संदेश देना है कि वे अकेले नहीं हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एआरडी-2025) के अध्यक्ष डॉ. विष्णु जिंजा ने इसे श्रद्धांजलि का माध्यम बताया और कहा कि रक्तदान न केवल जीवनरक्षक है, बल्कि यह पीड़ितों की स्मृति को सम्मान देने का तरीका भी है। इस अवसर पर पीजीआई के डीन (अकादमिक्स) प्रो. आर.के. राठौ, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रो. रति राम शर्मा, ईएनटी विभाग के प्रो. संदीप बंसल, डॉ. सुचेत सचदेव, सोटो पंजाब की नोडल ऑफिसर डॉ. गगनीन संधू, रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि रक्त की हर बूंद किसी की जिंदगी बचा सकती है। आज हम सब मिलकर यही संदेश दे रहे हैं कि मानवता अब भी जीवित है। प्रो. रति राम शर्मा ने सभी से अपील की कि वे इस पुनीत कार्य में भाग लें और पीड़ितों के लिए आशा का संदेश बनें। शिविर के संयोजक डॉ. पुनीत कुंतल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य न केवल रक्तदान को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज को मानवीय मूल्यों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाना भी है। डॉ. गगनीन संधू ने भी रक्तदान किया और कहा कि यह शिविर बताता है कि एकजुट समाज ही किसी भी संकट का सबसे मजबूत जवाब होता है।