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भाजपा शासित नगर निगम बना घोटालों का अड्डा : विजय पाल सिंह

आप ने नगर निगम की बैठक से एक दिन पहले भाजपा को घेरा
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चंडीगढ़ में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते आप के अध्यक्ष विजय पाल सिंह। -हप्र
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नगर निगम की बैठक से एक दिन पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। आप के अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने कहा कि भाजपा शासित चंडीगढ़ नगर निगम भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। निचले स्तर से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक, हर विभाग करोड़ों की वसूली और घोटालों में डूबा हुआ है। सरकारी तंत्र में बैठे अधिकारी जनता के पैसों की खुली लूट में संलिप्त हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप ने नगर निगम की इंफोर्समेंट विंग के कर्मचारियों पर पैसे लेकर रेहड़ी-फड़ी लगाने के आरोप लगाने के साथ-साथ कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े हर मुद्दे को समय-समय पर चंडीगढ़ प्रशासक के संज्ञान में लाया गया, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं लग पाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी सुविधा के अनुसार कानूनों में बदलाव करता रहता है ताकि कानून की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहे और यह और गहराई तक जड़ें जमा सके।विजय पाल ने कहा कि भाजपा मेयर ने नगर निगम मीटिंग में दावा था किया कि केंद्र और राज्य सरकार 92- 93 करोड़ और 238 करोड़ दे चुकी है। विजयपाल ने इसे भ्रामक करार देते हुए कहा कि 92 करोड़ का फंड नहीं पहुंचा और 238 करोड़ की राशि भी अब तक स्वीकृत नहीं हुई। भाजपा जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के एन्फोर्समेंट विंग में संगठित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। आप ने कहा कि अवैध स्ट्रीट वेंडरों के कारण किराया, टैक्स और बिल भरने वाले दुकानदारों का व्यापार चौपट हो गया है। प्रशासन की मिलीभगत से पूरा सिस्टम ‘कॉर्पोरेट माफिया’ में बदल चुका है।

165 करोड़ का वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट फेल

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उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई इस परियोजना पर 165 करोड़ खर्च हुए, लेकिन यह पूरी तरह असफल रही। पीआरवी, पंप और स्काडा सिस्टम बंद पड़े हैं। उद्घाटन के बाद से मनीमाजरा के किसी भी क्षेत्र में 24 घंटे पानी नहीं आया, बल्कि गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। कुल 475 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ, फिर भी कोई एफआईआर या गिरफ्तारी नहीं। वहीं, गरीब परिवारों के नाम पर सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ। दलाल फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए 26 हजार से 55 हजार रुपये की वसूली करते थे। पिछले पांच साल में निगम को 100 करोड़ का नुकसान हुआ। करोड़ों की जिम मशीनें धूल फांक रही हैं। कोई एफआईआर नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं।

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