रंजू ऐरी डडवाल/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 जनवरी।
चंडीगढ़ महापौर के चुनाव को लेकर भाजपा में बागी तेवर दिखाने वाले दो पार्षद आज देर शाम चुनाव की रणनीति तय करने को लिए बुलाई गयी बैठक में शामिल हो गये।
बागी होकर महापौर पद के लिए नामांकन भरने वाली चंद्रावती शुक्ला पिछले कल तक भाजपा पर उनका नामांकन रद्द कराने का आरोप लगा रही थी पर आज जब सब पार्षद प्रधान अरुण सूद व संगठन मंत्री दिनेश कुमार के बुलावे पर भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो शुक्ला व दूसरे बागी भरत प्रथम पंक्ति में बैठकर तस्वीर भी खिंचवा रहे थे। भाजपा सूत्रों के अनुसार महापौर पद का प्रत्याशी चुने जाने से पहले भी भाजपा के भीतर जमकर खींचतान हुई। एक ओर जहां वर्तमान महापौर राजबाला मलिक व सांसद किरण खेर महेशइंद्र सिद्धू को महापौर बनाने का जोर लगा रही थीं, वहीं पूर्व प्रधान संजय टंडन प्रधान अरुण सूद को महापौर बनाने के लिए बैटिंग कर रहे थे जबकि रविकांत शर्मा ने दिल्ली में हिमाचल के नेताओं के समर्थन से घेरा डाला। सूत्रों के अनुसार जब पार्टी नेतृत्व ने चंडीगढ़ से प्रत्याशियों की रिपोर्ट मांगी तो रवि के खिलाफ कोई नहीं गया जबकि लड़ाई तो वरिष्ठ उपमहापौर व उपमहापौर पद के लिए छिड़ी थी। अब भी शुक्ला व भरत को उम्मीद थी कि उन्हें वरिष्ठ उपमहापौर अथवा उपमहापौर का पद दिया जायेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने यहां धड़ेबाजी खत्म करने के लिए सभी गुटों से एक-एक प्रत्याशी का चयन कर लिया।
स्वस्थ हुई तो किरण खेर आयेंगी वोट डालने
महामंत्री रामबीर भट्टी ने कहा कि यदि सांसद किरण खेर के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर चंडीगढ़ संतुष्ट होंगे तो वह भी मतदान वाले दिन वोट डालने आयेंगी | बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, प्रदेश संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर और रामबीर भट्टी सहित पार्टी के सभी 19 पार्षदों ने भाग लिया। अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि आज बुलाई गई बैठक में सभी पार्षदों ने भाग लिया। कोरोना के चलते पार्षद हीरा नेगी बैठक में शामिल नहीं हुईं।
कांग्रेस ने निष्पक्ष चुनाव के लिए डीसी को लिखा
भाजपा में बगावत खत्म होने के संकेत मिलते ही कांग्रेस ने अपना गणित गड़बड़ाते देख उपायुक्त को पत्र लिखकर यह चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराने और चुनाव के दौरान हर ऐसे उपकरण को निर्वाचन कक्ष में ले जाने पर रोक लगाने की मांग की है, जिससे मतदान की गोपनीयता भंग होने की गुंजाइश हो। भाजपा की बगावत खत्म होने के बावजूद कांग्रेस को उम्मीद है कि अगर मतदान की गोपनीयता बनी रही तो भाजपा बागी उनके समर्थन में वोट करेंगे। उपायुक्त को लिखे पत्र में प्रदेशाध्य्क्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा की निगम में महापौर चुनावों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हों ताकि लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखा जा सके। उन्होंने मांग की कि मतदान कक्ष में फोन, कैमरा, पेन, स्मार्ट वॉच आदि अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।