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BJP नेता शक्ति प्रकाश देवशाली का PM को पत्र, वरिष्ठजनों के लिए बायोमेट्रिक के अलावा अन्य विकल्पों पर हो विचार

वरिष्ठ भाजपा नेता व चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने 'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस' के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वृद्धजनों को फिंगरप्रिंट-आधारित पहचान और प्रमाणीकरण में कठिनाई से उत्पन्न समस्या के निराकरण के...
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वरिष्ठ भाजपा नेता व चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली ने 'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस' के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वृद्धजनों को फिंगरप्रिंट-आधारित पहचान और प्रमाणीकरण में कठिनाई से उत्पन्न समस्या के निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।

देवशाली ने कहा कि आधार-लिंक्ड सेवाओं और सब्सिडी वितरण सहित कई सरकारी प्लेटफार्मों पर फिंगरप्रिंट को एक विश्वसनीय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण विधि के रूप में व्यापक रूप से अपनाया गया है। वैज्ञानिक अध्ययन और व्यावहारिक प्रमाण बताते हैं कि कई बुज़ुर्ग व्यक्तियों की त्वचा की प्राकृतिक उम्र बढ़ने के कारण समय के साथ उनके फिंगरप्रिंट की गुणवत्ता में गिरावट देखी जाती है। परिणामस्वरूप, जब वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, तो बायोमेट्रिक मिलान विफल हो जाता है, जिससे उन्हें वह सहायता नहीं मिल पाती जिसकी उन्हें तत्काल आवश्यकता होती है।

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उन्होंने कहा कि फिंगरप्रिंट पहचान में विफलता न केवल परेशानी और असुविधा का कारण बनती है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक गंभीर समस्या बन जाती है। जो अक्सर स्वास्थ्य सेवा, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा उपायों के लिए सरकारी योजनाओं पर सबसे अधिक निर्भर रहते हैं। उन्हें अत्यधिक विलम्ब, कई बार पुन: सत्यापन प्रक्रियाओं, या केवल इसलिए लाभों से पूरी तरह वंचित रहना पड़ता है क्योंकि उनके बायोमेट्रिक डेटा का मिलान नहीं किया जा सकता है।

देवशाली ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विगत वर्ष 70 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिकों को 'आयुष्मान भारत' की श्रेणी में शामिल किया गया है जिसका लाभ साढ़े 5 करोड़ से अधिक देशवासियों को प्राप्त हुआ है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ये वरिष्ठजन जब चिकित्सा के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो फिंगरप्रिंट मिलान न होने के कारण समस्या उत्पन्न हो जाती है और निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा होने के उपरांत भी उसका सम्पूर्ण लाभ नहीं उठा पाते हैं। अनेक बार ऐसी ही समस्या का सामना वृद्धावस्था पेंशनभोगियों को भी करना पड़ता है।

देवशाली ने बुज़ुर्ग उपयोगकर्ताओं के लिए आईरिस स्कैन, चेहरे की पहचान, या पिन-आधारित सत्यापन सहित वैकल्पिक या बहु-मोडल प्रमाणीकरण तंत्र शुरू करना; जिन वरिष्ठ नागरिकों को बायोमेट्रिक समस्याओं से जूझना पड़ता है, उनके लिए मैन्युअल ओवरराइड या सहायक पहचान प्रक्रियाओं को सक्षम करना; बुज़ुर्ग लाभार्थियों के लिए उनके बायोमेट्रिक विवरणों को अद्यतन और सत्यापित करने में मदद के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता और सहायता अभियान चलाने जैसे विकल्पों को भी शामिल करने का अनुरोध किया।

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