भाजपा ने चावल मिलों को पलायन के लिए किया मजबूर : हुड्डा
कहा-कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को बनाया था धान का सिरमौर
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि भाजपा की हरियाणा विरोधी नीतियों के चलते प्रदेश से उद्योग लगातार पलायन कर रहे हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि यमुनानगर का प्लाइवुड व बर्तन उद्योग और पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री बंद होने के कगार पर हैं। अब ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले 3 साल में हरियाणा की 100 से ज्यादा चावल मिलें भी मध्य प्रदेश में शिफ्ट हो चुकी हैं।
इससे हर साल प्रदेश को 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। साथ ही, 20 से 25 हजार लोगों का रोजगार भी छीन जाएगा। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के राज में किसानों को धान का देश में सबसे ज्यादा रेट मिलता था, जिससे देश के चावल निर्यात में हरियाणा की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी लेकिन भाजपा की हरियाणा व किसान विरोधी नीतियों के चलते अब ये हिस्सेदारी बमुश्किल 40 प्रतिशत ही रह गई है।
3 साल में यमुनानगर, करनाल, तरावडी, चीका, घरौंडा, कुरुक्षेत्र, निसिंग, कैथल, अंबाला, फतेहाबाद, सिरसा, टोहाना और रतिया से 100 से ज्यादा राइस मिल मध्य प्रदेश पलायन कर चुकी हैं। 30 से 40 कारोबारियों ने मध्य प्रदेश में नए राइस मिल और गोदाम बनाने के लिए जमीन भी खरीद ली है। हरियाणा में चावल उद्योग पर 4 प्रतिशत मार्केट फीस लगती है, जबकि मध्य प्रदेश में ये सिर्फ 1.20 प्रतिशत है।
इतना ही नहीं, हरियाणा की बीजेपी सरकार ने बिजली की दरों में भी बेताहाशा बढोत्तरी करके, उद्योग को भारी चोट मारी है। रही सही कसर बेकाबू अपराध, बदमाशी, माफिया, धमकी और फिरौती के माहौल ने पूरी कर दी व कारोबारियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उदाहरण के लिए प्लाईवुड उद्योग यमुनानगर की पहचान माना जाता है। लेकिन अब यह उद्योग उत्तर प्रदेश की तरफ पलायन कर रहा है।