आतिश गुप्ता/ट्रिन्यू
चंडीगढ़ 12 अक्तूबर
यूटी प्रशासन ने एनजीटी के आदेशों की पालना करते हुए शहर में पटाखे बेचने व चलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गये हैं व नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। यह फैसला आज पंजाब के राज्यपाल व यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के सलाहकार धर्मपाल की अगुवाई में हुई बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि पटाखे चलाने से होने वाले प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस के केसों में बढ़ोतरी हो सकती है इसलिए पंजाब व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में पटाखे बेचने व चलाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। इस बार रावण, कुंभकरण, मेघनाद के पुतले भी बिना पटाखों के जलेंगे। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण विभाग के अफसरों व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि पटाखे चलाने की वजह से प्रदूषण बढ़ता है व लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए शहर में पटाखे चलाने पर पाबंदी लगाना बहुत ज़रूरी है। प्रशासन के सलाहकार ने आदेश जारी कर अगले आदेशों तक पटाखे बेचने व चलाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 तथा आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई करने के आदेश जारी किये।
इसके साथ ही सलाहकार धर्मपाल ने लोगों से प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की अपील की। उन्होंने शहरवासियों से कहा कि वे त्योहारों के मद्देनजर बाहर निकलते वक्त मास्क का प्रयोग करें। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी कोरोना वायरस के प्रसार के चलते यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में पटाखे बेचने व चलाने पर पाबंदी लगा दी थी।
प्रशासन पाबंदी के फैसले पर करे पुन: विचार
चंडीगढ़ व्यापार मंडल (सीबीएम) ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री व खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के प्रशासन के मनमाने फैसले की आलोचना की और पंजाब व आसपास के राज्यों की तर्ज पर एक समान नीति का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पटाखों के बिना दिवाली का त्योहार अधूरा लगता है। चंडीगढ़ क्रैकर डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव चिराग अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष भी प्रशासन के फैसले से पटाखा कारोबारियों को 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उन्होंने मांग की कि यूटी प्रशासन को नियमों की पालना कर पटाखे बेचने की अनुमति देनी चािहए।