पंचकूला, 27 सितंबर (ट्रिन्यू)
सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाकर बेरोजगारों को स्थाई नौकरी देने सहित अन्य मांगों को लेकर आज सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला इकाई की ओर से वरिष्ठ उप प्रधान रणधीर राघव की अध्यक्षता में सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
रणधीर राघव व संगठन सचिव श्रवण कुमार जांगड़ा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार नव उदारीकरण की नीतियों पर चलते हुए सार्वजनिक सेवाओं का अंधाधुंध निजीकरण कर रही है। इससे जहां जनता को मिलने वाली सुविधाएं या तो समाप्त हो रही हैं या महंगी होती जा रही हैं। रोजगार के अवसर लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति के तहत सार्वजनिक संपत्तियों को पूंजीपतियों के हवाले करना शुरू कर दिया है। हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर निजीकरण विरोधी दिवस मनाते हुए आज प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हरियाणा को ज्ञापन भेजे गये। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से जन सेवाओं के विस्तार की मांग के साथ ही किसान मोर्चा के साथ एकजुटता प्रकट की।
ये हैं मुख्य मांगें
शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, जन स्वास्थ्य व परिवहन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाना, तीनों असंवैधानिक कृषि कानूनों व चारों लेबर कोड को रद्द करना, बिजली संशोधन बिल व ट्रांसपोर्ट एंड रोड सेफ्टी बिल रद्द करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व हरियाणा में बनाया गया संपत्ति क्षति प्रतिपूर्ति बिल निरस्त
करना, पीएफआरडीए को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल करना, जन सेवाओं के महकमों का विस्तार कर नए पद सृजित करना, पहले से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के बाद नियमित भर्ती कर बेरोजगारों को रोजगार देना और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को रद्द करना।