नेशनल आयुर्वेद फेस्टिवल 2025 के उद्घाटन पर राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा परंपरा भर नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में संतुलन, अनुशासन और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने वाला समग्र दर्शन है। उन्होंने कहा कि आज की तेज रफ्तार दुनिया में आयुर्वेद लोगों को स्वस्थ और संतुलित रहने का मार्ग दिखाता है।राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद मन, शरीर और आत्मा के बीच तालमेल बनाकर संपूर्ण स्वास्थ्य की अवधारणा प्रस्तुत करता है। यह केवल उपचार नहीं, बल्कि रोकथाम, पर्सनलाइज्ड केयर और सस्टेनेबल जीवनशैली पर आधारित विज्ञान है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में जब दुनिया लाइफस्टाइल डिसऑर्डर, पुरानी बीमारियों और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रही है, आयुर्वेद के सिद्धांत पहले से अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।इस अवसर पर राज्यपाल की धर्मपत्नी मित्रा घोष और मुख्यमंत्री के पॉलिटिकल सेक्रेटरी तरुण भंडारी भी मौजूद रहे। प्रो. घोष ने कहा कि हरियाणा शिक्षा, नवाचार और वेलनेस के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहा है और ऐसा बड़ा आयोजन राज्य की इन प्रतिबद्धताओं को और मजबूत करता है।उन्होंने कहा कि आयुर महोत्सव 2025 की विशेषता यह है कि इसमें बड़ी संख्या में विद्वान, आचार्य और शोधकर्ता पारंपरिक ग्रंथों और ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक मानकों के साथ जोड़ने का कार्य करेंगे, जिससे परंपरा और तकनीक के बीच एक मजबूत सेतु तैयार होगा।राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद स्वास्थ्य को केवल बीमारी की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन की स्थिति मानता है। जीवनशैली सुधार, इम्यूनिटी बढ़ाने और रोकथाम आधारित सिद्धांत आज की दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत बन चुके हैं।कार्यक्रम में मुल्तानी फार्मा, झंडू और इमामी कंपनियों के प्रतिनिधियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने समाजसेवी और ब्लैक बेल्ट ताईक्वांडो विशेषज्ञ अमिता मारवाह को योगागुरु अवार्ड का प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।इस अवसर पर आयोजन अध्यक्ष डॉ. ऋषभ दीक्षित, केंद्रीय आयुष मंत्रालय के पूर्व सदस्य डॉ. रामपाल सोमानी, एनएमपीबी के सीईओ डॉ. महेश दाधीच, सीआईआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष तरनजीत सिंह भामरा सहित अनेक विद्वान, उद्योग विशेषज्ञ और छात्र उपस्थित थे।