पिंजौर, 27 जून (निस)
केवल 30 फुट चौड़े पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया के तहत पहले चरण में सड़क किनारे खड़े वर्षों पुराने हजारों पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलनी शुरू हो गई है। हरियाणा सीमा के अंतर्गत 14 किलोमीटर लंबे हाईवे पर गांव खोखरा, मढ़ांवाला से लेकर पिंजौर ब्लॉक के गांव चरनिया तक सैकड़ों पेड़ों की कटाई का काम पूरा हो चुका है। किरतपुर से लेकर बसोला गांव तक सैकड़ों पेड़ काटे जाने बाकी हैं। 8 वर्ष पूर्व मंजूर हुए इस फोरलेन निर्माण कार्य में देरी के कारण नालागढ़ रोड पर ट्रैफिक जाम व सड़क दुर्घटनाएं आम बात हो गई है। इस मार्ग पर बद्दी, बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र के हजारों वाहनों का प्रतिदिन आवागमन होता है। इसके लिए हरियाणा प्रशासन ने पिंजौर के बसोला गांव से खोखरा तक जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर ली है और किसानों को जमीनों का मुआवजा दिया जा रहा है, जिसे किसानों ने नाकाफी बताया है। गौरतलब है कि 32 किमी लंबे इस हाईवे पर लगभग 14 किमी का हिस्सा हरियाणा में व शेष हिमाचल में आता है। लगभग 732 करोड़ रुपए की इस मेगा परियोजना में पांच फ्लाईओवरों सहित कुल 22 बड़े पुल, जबकि 104 छोटी पुलिया बनाई जाएंगी। इस दौरान पिंजौर ब्लॉक के विभिन्न गांवों के लिए 15 सर्विस लेन बनेंगी। गुजरात की कंपनी द्वारा ढाई वर्षों में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। उधर फोरेस्ट रेंज ऑफिसर कालका मनीर गुप्ता ने बताया कि एनएच ने लगभग 2300 पेड़ काटने और विभाग की जमीन के विषय पर अनुमति मांगी थी।