पूर्व एफएसएल निदेशक की अग्रिम जमानत खारिज
मोहाली की एक अदालत ने एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में पंजाब फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के पूर्व निदेशक डॉ. अश्विनी कालिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ आरोप बनते हैं और अग्रिम जमानत का कोई आधार नहीं है। यह मामला पुलिस स्टेशन फेज़-1 मोहाली में दर्ज किया गया था। यह मामला 14 अगस्त 2025 से संबंधित है। शिकायतकर्ता डॉ. संदीप कौर जो एफएसएल में सहायक निदेशक हैं और अनुसूचित जाति से हैं, ने डॉ. अश्विनी कालिया के खिलाफ कार्यालय में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार डॉ. कालिया ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की मौजूदगी में जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी एक हाई-प्रोफाइल मामले में उनके द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे थे।
डॉ. कालिया के वकील ने जमानत के लिए अदालत में दलील दी कि मामला झूठा है और अपमान सार्वजनिक रूप से नहीं हुआ, इसलिए एससी/एसटी एक्ट लागू नहीं होता। हालांकि , अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने आरोपी के पिछले रिकॉर्ड का भी जिक्र किया, जिसमें दो अन्य मामलों में रिपोर्ट से छेड़छाड़ के आरोप और कारण बताओ नोटिस शामिल थे।