मोहाली नगर निगम के अधीन आने वाले गांव सोहाना की आंगनबाड़ियां आज बच्चों के लिए खतरे का घर बन चुकी हैं। गांव की मुख्य आंगनबाड़ी नंबर 7 की इमारत को खतरनाक घोषित कर दिया गया है। बरसात के दिनों में छत हर समय गिरने का डर बना रहता है। दीवारों से पानी टपकता है और कमजोर नींव होने के कारण गली का पानी भी सीधे कमरों में भर जाता है। आंगनबाड़ी वर्कर जसबीर कौर ने बताया कि गंदगी और मच्छरों की वजह से डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा हमेशा बना रहता है। उन्होंने कहा–“छत कभी भी गिर सकती है और बरसात के समय बच्चों को अंदर बैठाना बहुत खतरनाक बन जाता है।’ जसबीर कौर ने यह भी बताया कि सोहाना की एक अन्य आंगनबाड़ी का भी हाल इसी तरह बेहद खराब है। इस गंभीर स्थिति को लेकर स्थानीय वर्करों ने विधायक कुलवंत सिंह से मुलाकात की और उन्हें पूरे हालात से अवगत कराया। विधायक ने भरोसा दिलाया कि यदि संबंधित विभाग ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो वे अपने निजी खर्चे से आंगनबाड़ी की इमारत को फिर से बनवाएँगे। इसी दौरान, आम आदमी पार्टी के नेता परविंदर सिंह बैदवान ने भी विधायक से आग्रह किया कि पुरानी और खतरनाक आंगनबाड़ी इमारत को तुरंत गिराने की अनुमति दी जाए, ताकि इसके अचानक ढहने से किसी तरह की जनहानि या नुकसान न हो। गांव के लोग मानते हैं कि सरकारी लापरवाही के कारण बच्चों की ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें खुद ही अपने बच्चों की सुरक्षा और भविष्य के लिए मोर्चा संभालना पड़ेगा। इस मामले में संपर्क करने पर सीडीपीओ सुमन बाला ने कहा को उन्होंने 10 सितंबर को चार्ज लिया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे और अधिकारियों को जानकारी देकर बनती कार्यवाही करवाएंगे।
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