डेढ़ साल बाद भी चालू नहीं हुआ अमरावती अंडरपास
बंसल बोले, लोगों को ट्रैफिक जाम से उठानी पड़ रही परेशानी
कालका (पंचकूला), 24 फरवरी (हप्र)
शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल ने भाजपा सरकार और प्रशासन पर लोगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान न कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार हर क्षेत्र में पूरी तरह से असफल साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि चाहे वह विकास के मामले की बात हो, रोजगार की बात हो, बढ़ती हुई महंगाई, बढ़ते हुए भ्रष्टाचार और अपराध की बात हो भाजपा सरकार लाचार नजर आ रही है। बंसल ने बताया कि चंडीगढ़ पंचकूला से शिमला जाने वाले नेशनल हाईवे पर अमरावती एन्क्लेव कॉलोनी के सामने बने हुए व्हीकल अंडरपास (वीयूपी) के क्षतिग्रस्त होने के बाद उसकी मरम्मत का कार्य डेढ़ साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इतना ही नहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में भी अभी तक अंडरपास चालू होने की निर्धारित तिथि नहीं बताया गयी है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुद केंद्रीय विभाग को नहीं पता कि यह अंडरपास कब तक चालू हो पाएगा, लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं।
बंसल ने बताया कि एनएचएआई प्रबंधन तकनीकी परियोजना निदेशक राहुल सोखल ने दी जानकारी में बताया कि अमरावती एन्क्लेव व्हीकल अंडरपास के निर्माण पर लगभग 17.95 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में 8 से 10 जुलाई तक क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कौशल्या- घग्गर नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में पानी जमा हो गया था। इस कारण 10 जुलाई 2023 को कौशल्या बांध से अत्यधिक पानी छोड़ने के कारण तटबंध और अन्य संरचनाओं में भारी कटाव हुआ था, क्योंकि बांध से 135000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे नुकसान अधिक हुआ।
बंसल ने बताया कि जानकारी में बताया कि ब्रिज की मरम्मत सुधार लागत का दायित्व ठेकेदार की अवधि (डीएलपी) के अंतर्गत कवर किया जाता है। विभाग ने यह भी बताया कि यह मरम्मत सुधार कार्य समय पर पूरा होने की संभावना है वह समय कब आएगा इसकी जानकारी नहीं दी गई है। लोग आवाजाही करने में दिक्कत झेल रहे हैं।
सूरजपुर पिंजौर- सुखोमाजरी बाईपास का निर्माण भी अधर में
विजय बंसल ने बताया कि सरकार द्वारा निर्माण अधीन सूरजपुर पिंजौर- सुखोमाजरी बाईपास का निर्माण कार्य भी लगभग एक दशक से पूरा नहीं किया गया है, जबकि इस बाईपास के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2007 में ही इमरजेंसी क्लोज के तहत जमीन का अधिग्रहण कर बाईपास निर्माण संबंधी लगभग सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी । केवल इसका निर्माण कार्य ही भाजपा सरकार नहीं कर पाई और लगभग 17 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए पिंजौर- कालका पुराने नेशनल हाईवे पर कारपेटिंग करने के कुछ दिन बाद ही सड़क फिर से टूटने के बाद उसकी मरम्मत का कार्य भी डेढ़ वर्ष से पूरा नहीं हो पाया है। यही नहीं कालका - खेड़ा वाली रोड की बुरी हालत है। पिंजौर- नालागढ़ नेशनल हाईवे भी खस्ता हालत में हैं। साथ ही साथ सभी गांवों के लिंक रोड भी लगभग टूटे हुए पड़े हैं। सरकार विकास के दावे तो बहुत करती है लेकिन भाजपा सरकार अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में कालका क्षेत्र की सड़कों का सुधार तक नहीं कर पाई है।